कामयाबी का रास्ता उतना मुश्किल भी नहीं होता है, जितना हम उसके बारे में सोचकर उसे मुश्किल कर देते है। और ये हम पर निर्भर करता है कि, हम किसी भी मुश्किलों हालत को कैसे देखते है। या फिर कैसे उसका हल निकालते है। हम आपके लिए अक्सर ऐसे ही संघर्ष भरी कहनियां लेकर आते रहते है। और कोशिश करते है कि आप उससे प्रेरित होते रहे। और जीवन में कुछ हासिल कर सके। आज की कहानी समर्पित है राजू निशाद को। जिन्होंने हर मुश्किल हालातो में खुद को संभाला है। और पिता के लिए एक सहारा बन गए है। राजू का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था। पिता खेतो में मज़दूरी करते थे। और किसी तरह से उनका घर चल पाता था। और ऐसे में ही उन्होंने अपने बेटे राजू को पढ़ाया था। और राजू ने भी उनकी मेहनत का मान रखते हुए बहुत मेहनत की। और आज वे उत्तर प्रदेश ज के DSP के तौर पर चयनित हो चुके है। और समाज के लिए एक मिसाल बन गए है। आईये उनके सफलता के सफर के बारे में जानते है।
गरीब परिवार से है राजू निशाद
राजू निशाद जी का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ है। और राजू जी ने बहुत मेहनत करते हुए शुरू से ही अपनी लगन और निरंतर प्रयास जारी रखे है , और उसी की बदौलत वो आज वो DSP के पद पर कार्यरत है। और देश सेवा कर रहे है। उनके पिता जी ने खेतो में मेहनत करके दिन रात उन्हें पढ़ाया लिखाया था। और आज उसी का फल उन्होंने दे दिया है।
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रिश्तेदार कहते थे कि, कोई छोटी नौकरी कर लो
राजू जी अपंने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताते है कि, उनके तैयारी के दिनों में उनके रिश्तेदार ये सलाह देते थे कि, वे कोई छोटी मोटी नौकरी कर ले। और घर को चलाने के नौकरी कर लो। लेकिन ये राज की ज़िद्द ही थी कि, वे पुलिस बनना चाहते थे। और पूरी मेहनत से इंटरनेट की मदद से पुलिस सेवा की परीक्षा की तैयारी करने लगे थे। और पूरी तरह से खुद को झोंक दिया। और आज इसी का परिणाम ये है कि, वे DSP बन गए है।
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