महिलाओ ने आज हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है। और हर जगह पर महिलाओ ने अपना एक अलग ही स्थापत्य बनाया हुआ है। और महिलाये वाकई ही किसी से कम नहीं है। आज एक्टिंग लाइन में अगर बात करे, तो वहां भी महिलाओ का दबदबा है, और लॉ इसके अलावा महिलाओ ने डांस के क्षेत्र में, सिंगिंग के क्षेत्र में और तो ओर महिलाओ ने ड्राइविंग के मामले में भी किसी को पीछे नहीं छोड़ा है। ऐसी ही एक महिला के बारे में आज हम आपको इस लेख में बताएँगे ,जिनका नाम है योगिता रघुवंशी। जिन्होंने वकालत की डिग्री भी हासिल की है। और उन्होंने वकालत छोड़कर सफलता का दूसरा रास्ता चुना। और वो रास्ता था ट्रक ड्राइवर बनने का। लेकिन योगिता रघुवंशी भारत की पहली ट्रक ड्राइवर थी ,आईये जानते है, इनकी कहानी।
महारष्ट्र में पली बढ़ी योगिता रघुवंशी
योगिता रघुवंशी का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था। और उनके उनका पालन पोषण भी एक साधारण परिवार में हुआ था। जिसके कारण उनका जीवन सामान्य ही रहा था। और समय रहते उनकी शादी भी अच्छे घर में कर दी गयी। और उनके दो बच्चे भी हुए ,सब कुछ ठीकठाक चल रहा था। जिसके कारण वो खुश थी। उनके पति ने उनका पूरा साथ दिया। और उन्हें लॉ की डिग्री करवाई ,लेकिन उनकी ज़िंदगी में एक हादसा अचानक हो गया। जिसके बाद उनकी पूरी ज़िंदगी ही बदल गयी थी। दरअसल उनके पति का अचानक देहांत हो गया था। जिसके बाद उनके सर पर सारी जिम्मेदारियां पड़ गयी।
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शुरू किया नया सफर
योगिता रघुवंशी एक वकील तो बन ही गयी थी। जिसके बाद वो परेशानी में ज़रूर रही, क्योकि एक साल से लगातर उन्हें कोई काम नहीं मिला। सिर्फ एक ही पिटिशियन उन्हें मिल पायी ,ऐसे में उनकी परेशानी ओर भी बढ़ गयी थी। अब उनके सामने वकालत छोड़ने के आलावा कोई भी रास्ता नहीं था। उन्होंने सफलता और खर्चे के लिए कोई दूसरे प्रयास करने शुरू कर दिए। और ऐसे में उन्होंने ट्रक से ढुलाई करने का काम करते थे। उस वक़्त उनके पास तीन ट्रक थे ,और उनके साथ तब भी एक हाद्सा हो गया था। रस्ते में आते हुए उनके एक ट्रक का एक्सीडेंट हो गया था ,वो काफी परेशान हो गयी। उन्होंने उसके बाद खुद से ही ट्रक चलाने का प्रशिक्षण लिया। और बन गयी देश की पहली महिला ट्रक ड्राइवर। आज योगिता रघुवंशी समाज के लिए एक प्रेरणा बन गयी है।
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