यूपीएसी के हर सफल अभ्यर्थी की अपनी एक दास्ताँ होती है। और उस दास्ताँ मे छुपा होता है। बहुत सा संघर्ष और सफलता के लिए पैदा हुआ होड़। और इन सबसे जीवन का असली महत्व समझ आता है। और ये सच्चाई भी है। और हम भी आपके लिए ऐसे ही रोचक और प्रेरणादायी कहानियां लेकर आते रहते है। और वैसे भी उन कहानियो से मानव कितना सीखता है, ये सब आपके उपर होता है। लेकिन हमे कभी भी जीवन में हार न मानी चाहिये , यही जीवन का असूल है। क्योकि जिंदगी में कई ऐसे लम्हे आते है, जो कि आपको एक अच्छा अनुभव कराते है। और कभी कभी बुरा अनुभव भी देते है। लेकिन इन सबका मतलब ये नहीं है कि, हम सब कुछ इसी जीवन के भरोसे पर छोड़कर रह जाए। या फिर हार मानकर किस्मत के भरोसे ही बैठ जाते है। लेकिन इसी दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी होते है, जो की इन्ही मुश्किलों से हार मानने के बजाय उनसे लड़ते है। और उन्हें हराकर आगे बढते है। ऐसी ही एक युवती है ज्योति कुमारी जी जिन्होंने हालातो के आगे घुटने नहीं टेके। और यूपीएसी की परीक्षा को पास किया है।
ज्योति हासिल की 53वी रैंक
बता दे कि, ज्योति कुमारी जी ने यूपीएसी की परीक्षा की तैयारी पूरी मेहनत से की थी। और जिसका फल भी उन्हें आख़िरकार मिल ही गया था। जिसमे उन्हें न सिर्फ सफलता मिली थी। बल्कि उन्होंने 53 वी रैंक भी हासिल की है। ज्योति कुमारी जी ने टूशन पढ़ाकर अपनी कोचिंग की फीस दी है। और उसके साथ साथ ही उन्होंने यूपीएसी की तैयारी की है। और उनकी मेहनत का परिणाम का आज उनके सामने है।
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बिहार से है ज्योति कुमारी
ज्योति कुमारी जी बिहार के भागलपुर की रहने वाली है।और उनके पिता जी मिठाई बेचने का काम करते थे। जिससे किसी तरह घर का खर्च चल जाता था। और ऐसे में ज्योति के सामने अपनी पढ़ाई को लेकर भी कई सवाल थे। जिसके चलते उन्होंने उसका भी समाधान निकाल लिया है , और उन्होंने टूशन पढ़ाकर अपना खर्च चलाया। और आज वे आईएएस अफसर बन गयी है।
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