सफलता संघर्षो से लड़कर ही मिलती है। और सफलता के रास्ते में अक्सर कई कठिनाईयां आती है। और ये हम पर निर्भर करता है, कि उन मुश्किलों को कैसे पार करते है। ऐसे है एक व्यक्ति है, राजस्थान मे जन्मे प्रेमसुख डेलू जी। जिन्होंने बहुत से संघर्ष के बाद ये सफलता प्राप्त की। और इतिहास भी रच दिया। उनके पिता राजस्थान के रेत भरे इलाको में ऊंट से धुलाई करने का काम करते थे। और उसी से घर खर्च चला पाता था। और कई बार प्रेम सुख भी अपने पिता के साथ ऊंट ढुलाई में जाते थे। उन्होंने इन्ही मुश्किलों में रहकर जीवन यापन किया। और सफलता की एक नहीं तकदीर लिख दी थी। उन्होंने अपने तैयारी के 6 साल के दौरान कई बार सरकारी परीक्षाए पास की। और उन्होंने पहले एक पटवारी का पद निकालने के बाद पटवारी का काम भी किया। और बाद में वो आईपीएस भी बने।
राजस्थान के बीकानेर से है प्रेमसुख डेलू
राजस्थान के रासीसर में जन्मे प्रेमसुख डेलू का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। और उन्होंने बहुत ही गरीबी में दिन गुज़ारे थे। और उनके पिता जी ऊंट ढुलाई करके घर का खर्चा पानी चलते थे ,और ऐसे ही उन्होंने प्रेमसुख की पढ़ाई करवाई थी। प्रेमसुख पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। और उन्होंने अपने गाँव से ही अपनी शिक्षा पूरी की थी। बाद में उन्होंने कॉलेज डूंगर से पूरा किया। और इसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन भी MA इतिहास से ही पूरा किया था। इसके बाद उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी की तैयारी भी शुरू कर दी थी।
इसे भी अवश्य पढ़े:-बंजर धरती में भी फूंक दिए प्राण, 19 साल तक मेहनत करने के बाद खिल उठा खुशियों से जंगल, उगा चुके है 30 मिलियन से ज्यादा पेड़
साल 2010 में बने पटवारी
प्रेमसुख डेलू ने साल 2010 में सबसे पहली परीक्षा पटवारी की पास की थी। और कुछ समय तक पटवारी की नौकरी भी की। लेकीन वो कुछ अच्छा करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने तैयारी जारी रखी। और कईं सरकारी नौकरियां प्राप्त भी की। उनका चयन कई नौकरी के लिए हुआ। और उन्होंने यूपीएसी की तैयारी करने के लिए भी सोचा। और यूपीएससी की परीक्षा में 170 वी रैंक हासिल करके सफलता प्राप्त की। और वो आईपीएस अफसर बन गए।
इसे भी अवश्य पढ़े:-मध्य प्रदेश की इस बेटी ने किया कमाल, एक बार नहीं दो बार पास की यूपीएसी की परीक्षा, पिता चलाते है किराने की दुकान
ऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये samachar buddy के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भूले