अगर मन में किसी काम को लेकर जस्बा, और आपका होंसला बुलंद हो, तो फिर क्या कहने, और ये भी तो कहते है , कि हमारी हिम्मत हमे हर काम करने का होंसला दे ही देती है। और फिर दुनिया कुछ भी कहे, आपको सफलता मिल ही जाती है। और आज हम आपके लिए एक स्टार्ट अप की कहानी लेकर आये है, इसमें आपको संघर्ष के साथ साथ मुश्किलें भी देखने को मिलती है। आज की कहानी आधारित है संदीप गजकस पर। जो की मुंबई की है। और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत जूते पोलिश करने से की थी। और आज उनकी खुद की करोडो की कम्पनी है। और वे कई लोगो को रोज़गार दे रहे है। और बहुत से गरीब लोगो को काम देकर उनका भला कर रहे है। संदीप गजकस एक प्रेरणा बन गए है। और आज वो देश में पहले शू लॉन्ड्री शुरू करने वाले पहले शख्स है ,और संदीप गजकस ने जूतों के इस नए व्यापार को आगे ले गया है। और आज उनका एक नाम भी बन गया है।
संदीप गजकस पहले खुद सफाई की है संदीप ने
बता दे कि, संदीप ने साल 2003 में जूते की सफाई का काम की शुरुआत की। और उन्होंने 2003 से लेकर 2012 तक संदीप ने खुद 30,000 जूतों की सफाई करी थी। और संदीप ने अभी तक करीब 60 हज़ार जूतों की सफाई की है। और उन्होने पहली बार इस देश में शू लांड्री की शुरुआत की है। और वो ऐसा करने वाले पहले शख्स है।
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संदीप 12 हज़ार रुपए से की थी काम की शुरुआत
सन्दीप गजकस ने मात्र 12 हज़ार रुपए से शुरुआत की थी। और ये भी उनके बचाये हुए पैसो से की थी। और अब वे अपने बचाये हुए उन 12 हज़ार रुपए से जिस shoe बिज़नेस की शुरुआत की थी। और आज वो बिज़नेस उनका इतना आगे बढ चुका है। और उनका बिसनेस करोड़ो में हो गया है। शुरू में तो संदीप के साथ केवल 16 कारीगर ही काम कर रहे थे। और आज उनके इस बिज़नेस में कई हज़ार लोग काम कर रहे है।
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