वो शुरू से स्वस्थ थी। लेकिन 16 की उम्र में सौम्या शर्मा ने सुनने की क्षमता खो दी थी। फिर शुरू हुई बहुत सी मुश्किलों का दौर। लेकिन वो डटी रही अपने लक्ष्य की ओर। एक ऐसी लड़की जिसने युवा उम्र में अपनी सुनने की शक्ति खो दी। लेकिन उसने हार नहीं मानी और बन बैठी आईएएस अफसर। आसान नहीं होता सफर, जब कमी होती है तो। लेकिन दुनिया में ऐसे लोग भी होते है। जो अपनी कमी को कमी नहीं मानते है। और नई शुरुआत करते है। एक श्रवण बाधित लड़की सौम्या शर्मा। जिसने 16 साल की उम्र में अपनी सुनने की शक्ति खो दी थी। लेकिन उन्होंने उसने अपनी उस कमी को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और ज़िंदगी का में upsc का मुकाम हासिल किया। उन्होंने upsc का एग्जाम पास किया।
सौम्या शर्मा ने पहली बार में किया पास upsc एग्जाम
सबसे खास बात है कि सौम्या शर्मा ने अपनी इस कमी के दौरान upsc की परीक्षा की तैयारी की। और न सिर्फ परीक्षा को पास किया। बल्कि उस परीक्षा में टॉप 10 प्रतिभागियो में भी जगह बनायीं। और आल इंडिया रैंक 9 भी हासिल की। जो कि उनकी काबिलियत को साबित करने के लिए काफी है। किसी के लिए भी इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी शक्ति खो देना या सुनने की क्षमता गवा देना बहुत बड़ी बात है। लेकिन सौम्या ने सुनने की मशीन के सहारे खुद को संभाला।
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दिल्ली की रहने वाली है सौम्या शर्मा
आईएएस परीक्षा में 9 वा स्थान करने वाले सौम्या शर्मा दिल्ली की रहने वाली है। और उन्होंने कोचिंग के बिाना upsc की तैयारी की। और 23 साल की उम्र में उन्होंने इस मुश्किल मुकाम को हासिल किया। और आज वो एक आईएएस अधिकारी है। और पहली श्रवण बाधित महिला आईएएस है।
ऐसी रही शिक्षा सौम्या की
बता दे कि सौम्या शर्मा ने दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलबी की है और इसके बाद उन्होंने upsc की परीक्षा की तैयारी की। और उसमे सफलता भी हासिल की है। सुनने में दिक्क्त होना सौम्या ने कभी भी अपनी कमी को कमी नहीं माना और उन्होंने पहले विकलांग कोटे से भी परीक्षा देने के लिए कहा गया था। लेकिन उन्होंने जनरल काटेगेरी से एग्जाम दिया। क्योकि वो अपने आप पर भरोसा करती थी और सामान्य मानती थी।
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