जिस दफ्तर में माँ करती थी झाड़ू लगाने का काम, उसी दफ्तर में बेटा बनकर आ गया SDO अफसर, दिल को छू लेने वाली कहानी है मनोज की

एक माँ के लिए सबसे खूबसूरत बात होती है, उसके बेटे का कामयाब होना। और जब उसकी आंखो के सामने जब उसके बेटे को सफलता मिलती है तो, वह बहुत खुश होती है। और आज हमे आपको एक ऐसे बेटे की कहानी बताने वाले है, जिसने की सफलता बुलंदियों को छुआ और उनकी माता जी जिस दफ्तर में झाड़ू सफाई का काम करती थी। और उसी दफ्तर में उनके बेटे मनोज कुमार SDO बन गए है। उनके इस सफलता की कहानी जानना वाकई ही दिलचस्प भरा है। ये वकाई किसी भी माँ के लिए सम्मान जनक बात है। और किसी बेटे के लिए भी , क्योकि बिहार के पिछड़े हुए इलाकों से जब सफलता की इबारत लिखी जाती है , तो देश के लिए भी वाकई गर्व की बात होती है। क्योकि किसी भी गरीब का बच्चा अगर देश के लिए कोई भी सेवा कार्य करता है, तो य देश के साथ साथ परीवार के लिए भी गर्व की बात होती है।

बिहार के जंहानाबाद के है मनोज कुमार
बिहार के जंहानाबाद के है मनोज कुमार

बिहार के जंहानाबाद के है मनोज कुमार

बता दे कि, मनोज कुमार बिहार के जहानाबाद के रहने वाले है। और जहानाबाद के अनुमंडल कार्यालय में SDO के पद पर कार्यरत है, और उनकी माता जी व उसी दफ्तर में बहुत साल चतुर्थ श्रेणी में कार्य कर रह चुकी है। और ये बहुत ही गर्व की बात है। उस माँ के लिए कि जिस ऑफिस में माता झाड़ू सफाई का काम कर रही थी, उसी ऑफिस में उनके बेटे इतने बड़े एक अधिकारी के तौर पर कार्यरत है।

मनोज की माता जी नौकरी करने से पहले एक किराने की दूकान चलाया करती थी।
मनोज की माता जी नौकरी करने से पहले एक किराने की दूकान चलाया करती थी।

माँ करती थी पहले किरणे को दुकान का काम

बता दे कि, मनोज की माता जी नौकरी करने से पहले एक किराने की दूकान चलाया करती थी। और चतुर्थ श्रेणी में काम करने से पहले सावित्री ही एक किराने की दुकान चलाकर पोषण करती थी ,और उनके पति राम बाबू प्रसाद खेतो में काम करके परिवार का भरण पोषण करते थे। और कुछ समय बाद साल 1990 में अनुमंडल कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी में आयी थी। और सावित्री जी 8 वी पढ़ी थी, उन्होंने उस जॉब के लिए आवेदन कर दिया था। और उन्हें सरकारी नौकरी मिल गयी।

बेटे को देखकर होता है गर्व
बेटे को देखकर होता है गर्व

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बेटे को देखकर होता है गर्व

वाकई किसी भी माँ के लिए ये बहुत गर्व की बात होती है कि, उसका बेटा उसके ही दफ्तर में इतना बड़ा SDO अधिकारी बनकर आता है। और इतने बड़े पद पर कार्यरत होता है।

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