इसे कहते है असली हौंसला, सफाईकर्मी का बेटा बन गया सेना में असफर, गर्व से कहा उस पिता ने, “मैंने झाड़ू उठायी, मेरा बेटा बन्दूक उठाएगा”

“लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती”,ये पंक्तियाँ असल जीवन में भी बहुत महत्व रखती है, और इन्हे साबित कर दिखाया है, उत्तर प्रदेश के चंदौली गाँव के सुजीत ने। जी हाँ सुजीत के पिता एक सफाई कर्मचारी है, और उन्हें अक्सर अपने काम की वजह से कई बाते सुन्नी पड़ती थी, और उन्हें उनकी हैसियत के नाम पर काफी ताने भी सुनने पड़ते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इस बात का बदला उन्होंने अपने बेटे को आर्मी में अफसर बनाकर लिया है और सही बात है ,कि समय करवट बदलता है ,तो सब कुछ बदल जाता है और रही बात हैसियत और हालात की, तो वो कभी न कभी बदलते ज़रूर है। और सुजीत के पिता के भी हालात  ज़रूर बदले .

चंदौली उत्तर प्रदेश से है सुजीत
चंदौली उत्तर प्रदेश से है सुजीत

गरीबी थी, लेकिन नहीं छुड़वाई पढ़ाई

माता पिता बहुत गरीब थे। और उनका बचपन काफी गरीबी में गुज़रा है ,जिसके कारण सुजीत को भी उन हालातों में रहकर पढ़ाई करनी पड़ी, लेकिन सुजीत के पिता ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई के बीच कभी भी गरीबी को नहीं आने दिया। और उन्होंने सुजीत के आर्मी में जाने का सपना देखा। जिसे इस होनहार बेटे ने पूरा तो कर ही दिखाया। और जो लोग कभी  पिता पर हस्ते थे ,.और उनकी हैसियत की वजह से उन्हें ताने मारा करते थे ,आज वही सुजीत को बधाई दे रहे है।

सुजीत के पिता एक सफाई कर्मचारी है, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को अफसर बनाया
सुजीत के पिता एक सफाई कर्मचारी है, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को अफसर बनाया

बना था कभी ऐसा मजाक

पिता बिजेंद्र कुमार जी ने जब अपने बेटे के आर्मी अफसर बनने की बात कही थी, तो उनकी इस बात पर सभी हसने लग गए थे। उन्होंने कहा था कि “मैंने झाड़ू उठायी,मेरा बेटा बन्दूक उठाएगा” इस बात पर सभी लोग हंसने लगे। और किसी ने तो ये तक कहा कि “इतना मत सोचो”, और तभी बिजेंद्र जी ने फैसला लिया था, कि अब तो वो अपने बेटे को आर्मी अफसर बनाकर ही रहेंगे। और उनकी ये ज़िद्द पूरी भी हुई, और बेटा बन गया आर्मी में अफसर।

सुजीत ने देहरादून में स्तिथ IMA में ग्रेजुएशन पूरी की
सुजीत ने देहरादून में स्तिथ IMA में ग्रेजुएशन पूरी की

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IMA से हुए ग्रेजुएट सुजीत

बता दे कि, सुजीत के पिता बिजेंद्र ने उन्हें पढ़ने के लिए राजस्थान भी भेजा। और वहां की पढ़ाई खत्म करके उन्होंने देहरादून में स्तिथ IMA में ग्रेजुएशन पूरी की। और आर्मी ऑफीसर बनकर ग्रेजुएट हो गए है। और उनकी इस सफलता पर उनके पिता के आंसू छलक गए। अब सुजीत अपने गाँव चंदौली के पहले आर्मी जवान बन गए है। और सभी के लिए एक प्रेरणा है।

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