नौकरी छोड़कर शुरू किया गोबर से चप्पल बनाना, आज हो रही है लाखों में कमाई, कुछ ऐसे बनाते है, छत्तीसगढ़ के रितेश गोबर से चप्पल और बैग समेत कई चीज़े

आपने गाय के गोबर से बनी कई वस्तुए देखी होंगी ,और सुना होगा। और क्या आपको पता है कि गोबर से उपलों के अलावा और भी कईं वस्तुएं बनायीं जा सकती है ? जी हां गोबर से ओर भी कई चीज़े बनायीं जा सकती है। और वो है गोबर से बनी चप्पल। जी हाँ सही समझे आप। गोबर से कई ऐसी वस्तुए बनायीं जा सकती है। जो की दैनिक जीवन मे काफी लाभदायक होती है। और सबसे बड़ी बात पर्यावरण मित्र होती है। ऐसी ही एक अनूठी पहल की है छत्तीसगढ़ के रहने वाले रितेश जी ने। जिन्होंने गोबर से न सिर्फ चप्पल बना डाली बल्कि अबीर रंग ,और तो और उन्होंने न सिर्फ गोबर से चप्पल बनायीं है ,बल्कि उन्होंने गोबर से बैग भी बनाया है।

छत्तीसगढ़ रायपुर के है रितेश
छत्तीसगढ़ रायपुर के है रितेश

छत्तीसगढ़ रायपुर के है रितेश

बता दे कि रितेश जी छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले है। और उन्होंने पहले कई जगह पर नौकरी की है। और नौकरी छोड़कर उन्होंने पशुपालन का कार्य करना शुरू किया। जो कि अपने आप में ही बहुत बड़ी बात है। क्योकि एक तो नौकरी पहले मिलती नहीं है। और फिर अचानक से नौकरी छोड अनोखा कुछ काम अपने रिस्क पर काम कर पाना अपने आप में ही बहुत बड़ी बात होती है।

रितेश की संस्था "पहल" मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को एक eco-बैग गिफ्ट किया था।
रितेश की संस्था “पहल” मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को एक eco-बैग गिफ्ट किया था।

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“पहल” संस्था भी चलाते है रितेश

बता दे छत्तीसगढ़ के रहने वाले रितेश एक “पहल” नमक संस्था भी चलाते है। और जब 2022 का बजट सत्र पेश करने के लिए जब छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी विधानसभा पहुंचे थे। तो रितेश की संस्था “पहल” उन्हें एक eco-बैग गिफ्ट किया था। जो कि गोबर से ही रीतेश ने बहुत मेहनत से तैयार किया था।

छत्तीसगढ़ के रहने वाले रितेश जी ने। जिन्होंने गोबर से न सिर्फ चप्पल बना डाली
छत्तीसगढ़ के रहने वाले रितेश जी ने। जिन्होंने गोबर से न सिर्फ चप्पल बना डाली

2015 में छोड़ दी नौकरी और शुरू किया ये अनोखा काम

बता दे कि साल 2003 में रितेश ने जब ग्रेजुएशन पूरी की। और उसके बाद उन्होंने कई कम्पनियो में जॉब भी की। लेकिन उनका कहीं भी मन नहीं लगा। और फिर उसके बाद उन्होंने कई बार सड़कों पर कई बेसहारा गायों को यूँ ही घुमते देखा। और सोचने लगते कि इनके लिए ऐसा क्या किया जा सकता है ,कि इन्हे सहारा मिल सके। ये सब सोचते सोचते उन्होंने कई आइडियाज सोचे। और शुरू किया गोबर से व्यापार।

रितेश महिलाओं को ट्रेनिंग देकर दे रहे है व्यापार
रितेश महिलाओं को ट्रेनिंग देकर दे रहे है व्यापार

महिलाओं को ट्रेनिंग देकर दे रहे है व्यापार

रितेश ने हिमाचल से गोबर से प्रोडक्ट्स बनाने की ट्रेनिंग लेकर गोबर से ही बैग और चप्पल बनाना शुरू किया। और साथ ही अबीर रंग भी बनाना सीखा। और उसके बाद उन्होंने सब सीखकर गाँव की महिलाओं को भी रोज़गार दिया। वो भारत के ऐसे पहले व्यक्ति है ,जिन्होंने गोबर से ही ऐसा कुछ बनाकर एक नई और अनूठी पहल की हो।

रितेश महिलाओं को ट्रेनिंग देकर दे रहे है व्यापार
रितेश महिलाओं को ट्रेनिंग देकर दे रहे है व्यापार

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