कहते है कि जब किस्मत बदलती है, तो फिर सब कुछ बदल ही जाता है। और आपने वो कहानी तो सुनी होगी न कि अगर किस्मत बदल जाय तो व्यक्ति को फर्श से अर्श तक भी पंहुचा सकती है, और अर्श से फर्श तक भी ला सकती है। ठीक ऐसा ही कुछ हुआ है “राम बाबू पराठे वाले” जी के परिवार के साथ भी । रामबाबू पराठे वाले एक ब्रांड है। जो कि अपने कई तरह के पराठो के लिए जाना जाता है। और एक ब्रांड भी बन चुका है। लेकिन आज उनके ही परिवार की हालत बहुत दयनीय हो चली है। क्योकि उनके परिवार के लोग दर दर भटकने को मजबूर हो गए है। और ऐसा क्या हो गया कि, उन्हें दर दर भटकने को मजबूर होना पड़ गया था। और आज वो इतनी परेशानी में है। कभी राम बाबू पराठे वाले की इनकम माहिने की लाखों में होती थी। लेकिन अब वो पाई पाई को मोहताज हो गए हे।
आगरा के राम बाबू ने की थी “राम बाबू पराठे” की शुरुआत
बता दे, कि स्वर्गीय हो चुके राम बाबू जी ने साल1930 में “राम बाबू पराठे” की शुरुआत की थी। और उन्होंने अपने हाथ के बेहतर हुनर को पराठे बनाने के लिए प्रयोग किया। वो आगरा में सबसे बेस्ट पराठा बनाने के लिए जाने जाते है। और उनके हाथ के पराठे के स्वाद लेने के लिए दूर दूर से लोग आया करते थे। और वे बहुत तरह के बेहतरीन वेरिएटी के पराठे बनाने के लिये जाने जाते थे। लेकिन आज ब्रांड बन चुके राम बाबू के पराठे के संस्थापक बाबू जी के निधन के बाद उनका परिवार मारा मारा फिर रहा है। और तरस गए है एक एक रुपए के लिए। पर आखिर क्यों?
ऐसा क्या हो गया कि, हालत हो गयी बदतर
दरअसल स्वर्गीय राम बाबू की पत्नी सावित्री देवी जी की हालत आज कल कुछ ठीक नहीं है। और वो अपने बेटे के इलाज के लिए सरोजिनी नायडू अस्पताल के चक्कर लगा रहे है। एक ज़माने में कभी लाखो कमाने वाले इस परिवार की हालत इतनी खराब हो जाएगी किसी ने नहीं सोचा था। लेकिन आज राम बाबू का परिवार दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो गया है।
इसे भी अवश्य पढ़े:-कभी गली गली में घूमकर बेचीं साड़ियां, ढाई रुपया ध्याड़ी पर भी किया काम, अनुभव हासिल करके शुरू की खुद की कम्पनी , बन गए
देवर में हड़प ली थी दुकान “रामबाबू पराठे वाले”
“रामबाबू पराठे वाले” जी की पत्नी का आरोप है कि, रामबाबू की मौत के बाद उनकी महशूर दुकान उनके देवर ने धोखे से अपने नाम पर करवा ली थी। जिसके बाद उनके ये दुर्दशा हो गयी है। और वे सरकारी हॉस्पिटल में इलाज करवाने को मजबूर हो गए है।Rambabu paartha bhandar
इसे भी अवश्य पढ़े:-लोग चमार कहकर बुलाते थे, लेकिन उन्ही तानो भरे शब्दों को बना डाला जीवन का लक्ष्य, बना दिया “CHAMAR” एक ब्रांड
ऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये samachar buddy के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भूले