नेत्रहीनता की बाधा में माँ को बना लिया आँखे, यूपीएसी की तैयारी की, माँ ने लिखी कॉपी, और बन गए देश के 7 वे टॉपर

“कोशिश कर, कोशिश कर मन को तू निराश न कर, मिलेगी मंज़िल कभी न कभी, खुद पर ये होंसला रखवा” कई ये पंक्तियाँ दिल्ली के सम्यक जैन पर एकदम सटीक बैठती है। उन्होंने जीवन की सबसे बड़ी मुश्किल को भी हराकर स्वयं को जीताया है। और यूपीएसी की परीक्षा को न सिर्फ पास किया। बल्कि उन्होंने उसमें 7 वा स्थान भी प्राप्त करके एक नई तकदीर ही लिख डाली। उन्होंने नेत्रहीनता झेली, लेकिन जीवन के असली सफर पर उसे हावी नहीं होने दिया , बल्कि खुद की एक नयी पहचान ही बना डाली। वे एक PWD कटैगरी से संबंध रखते है। और इसलिए उन्हें परीक्षा में एक राइटर ले जाने की अनुमति थी। और सम्यक जैन की माता जी ने उनकी इसमें पुरी तरह से साथ दिया। और उनकी परीक्षा की कॉपी लिखने मे उनकी मदद की थी। और उनके दोस्त ने भी उनकी सहायता दी, जिसके कारण उन्होंने इस परीक्षा को न केवल पास किया, बल्कि उसमे 7 वा स्थान भी हासिल किया था।

सम्यक का ये दूसरा प्रयास था। और इससे पहले भी उन्होंने साल 2020 में अपना पहला एटेम्पट दे चुके है।
सम्यक का ये दूसरा प्रयास था। और इससे पहले भी उन्होंने साल 2020 में अपना पहला एटेम्पट दे चुके है।

दूसरे प्रयास में हासिल की सफलता

सम्यक का ये दूसरा प्रयास था। और इससे पहले भी उन्होंने साल 2020 में अपना पहला एटेम्पट दे चुके है। जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिल पायी थी। लेकिन उन्होंने अपनी इस असफलता से हार नहीं मानी, और दूसरी बार परीक्षा देने का निर्णय लिया। जिसके बाद उन्होंने साल 2021 में परीक्षा दी। और उसमे सफलता भी हासिल की थी। जिसका परिणाम ये रहा, कि उनका स्थान स देश में सातवां रहा है , जो कि बहुत गर्व की बात है।

माँ और दोस्त ने की सबसे ज्यादा मदद
माँ और दोस्त ने की सबसे ज्यादा मदद

सम्यक जैन माँ और दोस्त ने की सबसे ज्यादा मदद

सम्यक जैन अपने एक इंटरव्यू में बताते है कि, उनकी माता जी और उनके दोस्त ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया था , उनके प्रीलिम्स की परीक्षा में उनकी माता जी ने उनका एग्जाम लिखा था। और सम्यक जैन की मेंस की परीक्षा उनके साथ उनके दोस्त ने लिख दी थी। और अपनी सफलता का श्रेय देते हुए भी वे इन्हे शुक्रिया देते है।

समयक के लिए लॉक डाउन के समय किसी वरदान से कम नही था।
समयक के लिए लॉक डाउन के समय किसी वरदान से कम नही था।

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सम्यक जैन लॉक डाउन में किया समय का इस्तेमाल

सम्यक जैन IAS के लिए लॉक डाउन के समय किसी वरदान से कम नही था। क्योकि जिस वक़्त देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ा रहा था। और उसी समय में उन्हें पढ़ाई के लिए बहुत वक़्त मिल गया था। और उन्होंने करीब 7 से 8 घंटे तक पढ़ाई की थी , जिसका परिणाम आज हम सभी के सामने है।

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