हमारे माता पिता हमारी ख़ुशी के लिए क्या कुछ नहीं करते है। वे हमारे लिए दुनिया की हर संभव ख़ुशी देने का प्रयास करते है। और अपने सपनो को अपने बच्चो के माध्यम से सच होते हुए देखते है। और जब वो सपने पुरे होते है, तो सबसे ज्यादा सच्ची ख़ुशी भी हमारे माता पिता को ही होती है। एक ऐसी कहानी जिसमे सपने तो माता पिता ने देखे, लेकिन उन्हें सच उनके बच्चो ने किया। राजस्थान के झुंझुनू गाँव में जन्मे दो भाईयो की सफलता की दासता। दोनों भाईयो ने एक साथ ही एक साथ ही यूपीएसी की परीक्षा दी ,और अच्छी खासी रैंक लाकर आईपीएस अफसर भी बने। यहाँ पर बात हो रही है अमित कुमावत की और पंकज कुमावत की ,जिनके माता-पिता ने दिन रात सिलाई करके उनके लिए सपने बुने ,और उन सपनो में रंग भरा उनके इन होशियार बेटो ने।
राजस्थान से है अमित और पंकज कुमावत
बता दे कि अमित और पंकज कुमावत दोनों ही सगे भाई है। और राजस्थान के झुंझुनू गांव में इनका जन्म हुआ है। और इनके माता पिता जी ने इन्हे पढ़ाने के लिए काफी संघर्ष और मेहनत की है। इनके पिता का नाम सुभाष कुमावत है ,जो कि पेशे से एक दर्ज़ी है और उनकी माता भी उनकी कपडे सिलने में सहायता करती है। और इस तरह से घर का खर्च चला पाता था। और ऐसे में दोनों बेटो को पढ़ाना लिखाना मुश्किल हो रहा था। लेकिन फिर भी उनके माता पिता ने पढ़ाई के महत्व को समझते हुए उन्हें पढ़ाया। और काबिल बनाया।
माता पिता ने दिन रात मेहनत करके पढ़ाया
बता दे कि अमित और पंकज दोनों ही भाईयो ने एक साथ IIT Delhi से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से B.Tech की पढ़ाई की है और घर की हालत अच्छी न होने के कारण पढ़ाई में काफी दिक्क़ते तो आयी ,लेकिन माता पिता ने कमज़ोर नहीं पढ़ने दिया। अमित और पंकज दोनों ही आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते थे ,जिसके लिए उनके माता पिता ने उनके लिए दिन रात तक जाग जाग कर सिलाई का काम किया ,ताकि उन दोनों की पढ़ाई पर कोई आंच न आये।
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दोनों भाईयो ने अच्छी रैंक से पास की यूपीएसी परीक्षा
साल 2018 में दोनों भाईयो ने यूपीएसी की परीक्षा दी। और दोनों ने एक साथ न सिर्फ ये परीक्षा पास की, बल्कि अच्छी रैंक भी हासिल की। जिसमे पंकज ने 443वीं रैंक हासिल की और छोटे भाई अमित ने 600वीं रैंक हासिल करके सफलता हासिल की। इन दोनों ने अपने माता पिता की तपस्या को सफल बना दिया।
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