आपके हिसाब से अगर कोई व्यापार शुरू करना हो तो किन किन चीज़ो की ज़रूरत पड़ती है? शायद अनुभव और पैसा। लेकिन आज के इस बढ़ते दौर में इन सबके आलावा आपका परिश्रम भी मायने रखता है। और मायने रखता है कि, अपने उस व्यापार में कितना समय और मेहनत देते है। वैसे आजकल स्मार्टनेस के साथ काम करने वाले ही ज्यादातर आगे रहते है। लेकिन आज हम जिस शख्स की स्टार्ट अप स्टोरी सुनाने जा रहे है, वह कोई साधरण व्यक्ति नहीं है । लेकिन हां एक समय पर वह भी एक साधारण ही व्यक्ति थे। लेकिन 90 साल की उम्र में उन्होंने एक खुद की कंपनी चला रहे है। और ये वाकई बहुत हैरानी की बात है। क्योकि उन्होंने पहले बतौर एक इन्शुरन्स सेलर के तौर पर काम किया है। और अब उन्होंने खुद की सोनालिका के नाम से कम्पनी शुरूआत की है। और लक्ष्मण दास मित्तल आज सभी वर्ग के लिए एक प्रेरणा है।
बतौर जोनल मैनेजर नौकरी भी की
1966 तक लक्ष्मण दास जी ने कई राज्यों में नौकरी की है। और उन्होंने इस दौरान कई बार बिज़नेस करने के बारे भी सोचा था। लेकिन उन्होंने 1990 में बतौर डिप्टी जोनल मैनेजर के पद से रिटायर हुए थे। और उसके बाद उसी साल से उन्होंने मशीनरी के क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया था। और आज उनकी खुद की हज़ारो करोड़ो की सोनालिका क नाम की कम्पनी भी है। और उनके पोते और बेटे भी उनके साथ इस कम्पनी को सफलता पूर्वक चला रहे है। और उनके सोनालिका के ट्रैक्टर्स न सिर्फ देश में प्रचलित है। बल्कि और भी देशो में इनकी डिमांड है।
पहले करते थे इन्शुरन्स का काम
बता दे कि, लक्ष्मण दास मित्तल एक समय पर इन्शुरन्स बेचने का काम करते थे। फिर उन्होंने बहुत मेहनत की। और फील्ड मैनेजर का पद भी प्राप्त किया। लेकिन वो शुरू से ही स्टार्ट अप मशीनरी के क्षेत्र में चाहते थे। जो कि उन्होने आगे चलकर नौकरी करने के बाद भी रिटायर होने पर भी शुरू किया। और उनके ही प्रयासो से सोनालिका कम्पनी आज अस्तित्व में है।
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लक्ष्मण दास मित्तल 1969 में ही शुरू कर दी थी सोनालिका कम्पनी
बता दे, कि लक्ष्मण दास मित्तल ने साल 1969 में ही सोनालिका कम्पनी की शुरुआत कर दी थी। और साल 1995 में उन्होंने अपनी इस कम्पनी में ट्रेक्टर को भी बनाने का विचार भी शामिल किया। और आज उनके ये ट्रैक्टर्स लगभग 120 देशो में निर्यात किये जा रहे है। और उनकी के ये कम्पनी हज़ारो करोड़ के मुनाफ़े में है।
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