वो काफी कम उम्र के थे जब उन्हें अपने घर से दूर जाना पड़ा। गौरव स्वीट्स के मालिक बन चुके वीरल पटेल आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उन्होंने अपना ये सफर मात्र 35 रुपए से शुरू किया था। और वीरल पटेल सिर्फ 35 रुपेय लेकर ही गुजरात से मुंबई आये थे। और वही आकर अपने सपनो को उड़ान दी। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो आज इतने कामयाब हो जायेंगे। और उनके माता पिता किसान थे। घर की मज़बूरी के चलते बीच में ही पढ़ाई छूट गयी। और उन्होंने सिर्फ कक्षा सात तक ही पढ़ाई की है।
वीरल पटेल मुंबई आकर किया शॉप में काम
जब वीरल पटेल गुजरात से मुंबई आए थे। तो उनके पास सिर्फ 35 रुपए जेब में थे, जो कि उस वक़्त मुंबई तक आने के लिए टिकट के पैसे थे। और इसके आलावा थी बहुत सी जिम्मेदारियां जिन्हे निभाने के लिए एक स्टेशनरी की दुकान में करीब ढाई साल तक काम किया। और पैसे कमाय खर्च पूरा किया। और उस वक़्त उनकी तनखवाह कुछ ज्यादा नहीं थी वो, महीने का कुछ 100 या 200 ही कमा पाते थे। वो बताते है कि उनके काम को देखते हुए उनके दुकान के मालिक ने उनकी तनख्वाह 6 महीने बाद 250 रुपए कर दी थी।
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पैसो के कारण छोड़ दिया था स्कूल
गौरव स्वीट्स के मालिक वीरल पटेल जी अपनी शुरुआती जीवन में ही काफी संघर्ष किया है। उन्होंने पैसो की मज़बूरी के चलते अपना स्कूल छोड़ दिया था। और पिता जी की सहायता की। और उसके कुछ समय के बाद वीरल पटेल परिवार के साथ गुजरात से मुम्बई आ गए थे। और अपनी आजीविका चलाने के लिए जद्दो जहद करने लगे थे।
मुंबई के दौरान मिला पार्टनरशिप का मौका
जब वीरल पटेल जी ने अपना काम एक दुकान में से शुरू किया था। तो उनके किसी जान पहचान वाले ने उन्हें कुछ समय के बाद अपने साथ काम करने का अवसर दिया। और तब शुरू हुआ वीरल का एक और नया सफर। और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। और वो काफी पैसा कमाने लगे।
शुरू किया गौरव स्वीट्स का काम
वीरल पटेल ने कुछ समय के बाद कुछ मजबूती महसूस की और शुरू किया मिठाई की दुकान का काम। और इस तरह से शुरु हुआ गौरव स्वीट्स का सफर। आज गौरव स्वीट्स की पूरी मुंबई में करीब 6 ब्रांचेज है। और कभी मात्र 35 रुपए लेकर घर से निकलने वाला ये युवक आज करीब 13 करोड़ का बिज़नेस कर चुका है ,और ओर सभी लोगों को भी रोज़गार दे रहा है।
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