74 साल के हो चुके पताबी रमन, आज रिक्शा चलाकर कर रहे है गुज़ारा, कभी रह चुके है अंग्रेजी के lecturer

आपने कई ऑटो रिक्शा में सवारी तो करी होगी। और कई ऑटो रिक्शा ड्राइवर को भी रिक्शा चलाते हुए देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे रिक्शा ड्राइवर के बारे में सुना है। जो अच्छे खासे पढ़े लिखे भी हो और एक अच्छे खासे पद पर भी रहे हो ? शायद नहीं ! हम आज आपको एक ऐसे पढ़े लिखे शख्स से रुबरु करवाने जा रहे है ,जो न सिर्फ वेल एडुकेटेड है ,बल्कि अच्छे खासे पद पर भी रहकर कार्य कर चुके है। यहाँ पर बात हो रही है 74 साल के पताबी रमन की। जिन्होंने करीब 60 साल तक के होने तक इंग्लिश के लेक्चरर की जॉब की। और नौकरी पूरी होने के बाद खर्चा चालने के लिए उन्होंने रिक्शा चलाना शुरू किया।

आपने कभी ऐसे रिक्शा ड्राइवर के बारे में सुना है। जो अच्छे खासे पढ़े लिखे भी हो
आपने कभी ऐसे रिक्शा ड्राइवर के बारे में सुना है। जो अच्छे खासे पढ़े लिखे भी हो

पताबी रमन की इंग्लिश सुनकर हैरान हो गयी निकिता अय्यर

बेंगलुरु की एक निवासी निकिता अय्यर रोज़ की तरह ऑफिस जाने के लिए घर से निकली थी। और उन्हें बहुत देर हो रही थी तो वो रिक्शा का वेट कर रही थी। अचानक से पताबी रमन ने जो कि रिक्शा में बैठे थे। ने आवाज़ लगायी कि “Please come in Maa’m, you can pay what you want.”इतना सुनकर ही निकिता अय्यर काफी हैरान और चकित हो गयी। और उत्सुकता से पताबी रमनजी के ऑटो में आकर बैठ गयी।

60 साल के होने तक इंग्लिश लेक्चरर रहे पताबी रमन
60 साल के होने तक इंग्लिश लेक्चरर रहे पताबी रमन

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60 साल के होने तक इंग्लिश लेक्चरर रहे पताबी रमन

पताबी रमन ने निकिता अय्यर से बातचीत के दौरान बताया कि, वे एक प्राइवेट इंग्लिश लेक्चरर थे। और इसी वजह से उन्हें पेंशन भी नहीं मिली । और अपने घर का खर्चा चलाने के लिए पताबी रमन ने रिक्शा चलाना शुरू किया। उन्हें रोज़ 1500 से 2000 तक अर्निंग हो जाती है। जिससे उनका खर्चा चल रहा है।

पताबी रमन जी ने खुद के बल पर ही अपने सारे काम किये है।
पताबी रमन जी ने खुद के बल पर ही अपने सारे काम किये है।

बेटे पर नहीं रहना चाहते है निर्भर

पताबी रमन जी ने खुद के बल पर ही अपने सारे काम किये है। और 74 साल की इस उमर में भी वो आत्म निर्भर बने रहना ही पसंद करते है। और उनका एक बेटा भी है। और वो उनकी हर संभव मदद करता है। लेकिन पताबी रमन जी का मानना है कि उनकी खुद की भी लाइफ है। और वो किसी पर भी निर्भर नहीं होना चाहते है। इसलिए कहीं और कुछ काम न मिलने की वजह से रिक्शा चलाना शुरू किया। और आज खुद ही कमा रहे है। और खर्चा चला रहे है।

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