लोगो ने बना दिया था मज़ाक, लेकिन हिम्मत बटोरकर शुरू किया काम, और 43 साल के सावंत आज कमा रहे है लाखों रुपए

हम कई बार ऐसी कहानिया सुनते है, जिसमे हमे संघर्ष के साथ त्याग को भी समझना होता है। और मेहनत के साथ साथ हर तरह की लगन भी सफलता के सफर में शामिल होती है। और हमे ये समझना ज़रुरी होता है, कि हर व्यक्ति को सफलता के लिए कुछ न कुछ त्याग करना बहुत ज़रूरी हो जाता है। आज हम जिस त्याग और संघर्ष से मिली सफलता की कहानी लेकर आये है, वह आपको ज़रूर जननी चाहिए। क्योकि सफलता के सफर में इंसान को बहुत सी मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। और हर हालत में खुद को साबित करना ज़रूरी होता है। हम बात कर रहे है, काकासाहब सावंत की। जिन्होंने पहले कुछ समय तक एक ऑटो मोबाइल कम्पनी में जॉब की थी। और फिर खुद की एक अलग पह्चान बनाने के लिए खुद का एक कार्य करने के बारे में सोचा था। और उन्होंने कुछ समय बाद बगीचा बनाया। जिसमे उन्होंने लगभग 22 तरह के आमो की खेती की थी। और आज वो करीब 50 लाख रुपए हर महीने कमा रहे है।\

, काकासावन्त एक बहुत ही पिछड़े हुए इलाके से आते है
, काकासावन्त एक बहुत ही पिछड़े हुए इलाके से आते है

गलत साबित किया इस धारणा को

बता दे कि, काकासावन्त एक बहुत ही पिछड़े हुए इलाके से आते है। जिसके कारण वहां के लोगो का ऐसा मानना था कि, सिर्फ कोंकण में ही बढ़िया हापुस आम हो सकते है। और हमारे यहाँ पर ये आम की पैदावार होना मुश्किल है , लेकिन सावंत ने इस धारणा को बिलकुल गलत साबित कर दिया है। और ये भी बता दिया कि, आप अगर मजबूत होंसले के साथ किसी भी काम को करते हो, तो सफलता ज़रूर मिलती है। चाहे फिर हालात कैसे भी हो जाए।

काकासावंत एक ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में टेक्निकल फैकल्टी के रूप में कार्यरत थे।
काकासावंत एक ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में टेक्निकल फैकल्टी के रूप में कार्यरत थे।

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टेक्निकल इंस्टीट्यूट में फैकल्टी मेंबर थे काकासाहब सावंत

काकासावंत एक ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में टेक्निकल फैकल्टी के रूप में कार्यरत थे। और बहुत समय से कार्य कर रहे थे। लेकिन उन्होंने जॉब छोड़कर सिर्फ खेती करने के बारे में सोचा। और उन्होंने गाँव आकर खेती शुरू भी कर दी। जिसमे उन्होंने अपने स्कूल टीचर भाइयों के साथ महाराष्ट्र के सांगली जिले के जाट तालुका में 20 एकड़ जमीन खरीदकर काम शुरू कर दिया। और साल 2010 में उन्होंने यहाँ पर आम की खेती कर दी। और मेहनत की। उसमे अच्छा मुनाफ़ा भी कमाने लगे। और आज सावंत जी की सिर्फ साल भर ही की ही कमाई करीब 50 लाख रुपए है।

साल 2010 में उन्होंने यहाँ पर आम की खेती कर दी
साल 2010 में उन्होंने यहाँ पर आम की खेती कर दी

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