जब मुश्किलों भरा सफर हो और मंज़िल भी मुश्किल हो, तो सफलता का मज़ा दुगना हो जाता है। और फिर हर मुश्किल आसान लगने लगती है। और हो भी क्यों न, इंसान को अपने मुश्किल समय में की गयी मेहनत से हिम्मत मिलती है। और होंसला मिलता है। लेकिन कहते है न कि मुश्किलें भी तभी पार हो पाती है,जब तक इंसान कमज़ोर न पड़े। लेकिन ज़िंदगी में कभी कभी हालात इतने बुरे हो जाते है (रमेश घोलप)कि, सम्भलने तक का मौका तक नहीं मिलता। और स्तिथि पहले से भी बुरी हो जाती है। और जो इंसान हर बुरे वक़्त को हरा देता है। वही इंसान में हिम्मत और जस्बा होता है। एक ऐसे ही शक्स रमेश घोलप। जिन्होंने न सिर्फ गरीबी के बुरे दिन देखे। बल्कि बहुत सी मजबूरियां भी झेली।
रमेश की डेढ़ साल की उम्र में चली गयी एक टांग
रमेश घोलप ने बचपन में डेढ़ साल की नाज़ुक सी उम्र में अपना एक पैर गवा दिया। क्योकि उन्हें बचपन में पोलियो ने जकड लिया था। जिस कारण उनका पैर गलने लगा। और ख़राब हो गया था। इन सबके बाद भी उन्होंने गरीबी की मार को पछाड़ते हुए आईएएस बनने तक का सफर तय किया।
महाराष्ट्र में जन्मे थे रमेश घोलप
रमेश घोलप महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के वारसी तहसील में एक गाँव में जन्मे थे। और रमेश घोलप ने जब बड़े होकर होश संभाला, तो उन्होंने खुद को गरीबी के घेरे में पाया पाया। उनके पिता साइकिल पेंचर की दुकान चलाते थे। जिससे दो वक़्त की रोटी ही मिल पाती थी। लेकिन उनके पिता शराब पीने के आदि थे। जिसके कारण उन्हें कभी बचत करने का मौका नहीं मिला। और उनके पिता का कुछ समय के बाद निधन हो गया था।
रमेश घोलप ने माँ के साथ बेचीं चूड़ियां
पिता की शराब पीने की लत की वजह से घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया था। ,जिस कारण माँ ने घर घर जाकर चुडियां बेचना शुरू किया। और रमेश भी छोटी सी उम्र में अपनी माँ के साथ जाकर चूड़ियां बेचता था। लेकिन उसकी पढ़ाई की ललक कम नहीं हुई, उसने साथ साथ अपनी पढ़ाई भी की।
इसे भी अवश्य पढ़े:- मिलिए दुनिया के सबसे लम्बे पुलिस वाले जगदीप सिंह से, हाइट है 7 फिट 6 इंच, द ग्रेट खली को भी दे चुके हे मात
रमेश घोलप कॉलेज के दिनों में सोचा आईएएस बनने का
रमेश घोलप ने जैसे तेसे अपनी पढ़ाई पूरी की। और अपनी ग्रेजुएशन भी की। ग्रेजुएशन के दौरान कॉलेज के दिनों में उन्हें कई काम से तहसीलदर दार के पास जाना पड़ता था ,जिससे उन्हें भी इनकी पावर का पता चला। और उन्होंने भी आईएएस बनने बनने का सोचा। और कड़ी मेहनत से आईएएस बन गए।
इसे भी अवश्य पढ़े:- कौन थे शूरवीर तिलका मांझी ? जिन्हे इतिहास के पन्नो में शामिल नहीं किया गया, देश को आज़ाद कराने के लिए पहला कदम उठाया
इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद , ऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये samacharbuddy के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भूले!