कहते है कि “अगर आप गरीबी में पैदा हुए, तो उसमे आपकी कोई गलती नहीं है, लेकिन अगर आप गरीबी में ही मर जाय तो ये आपकी गलती है”। लेकिन कुछ ऐसे लोग होते है। जो पैदा तो गरीबी में होते है। लेकिन उस गरीबी को मिटाकर स्वयं को साबित करते है। और बल्कि एक अच्छा जीवन जीकर मरते है। ऐसे ही एक शख्स है देबाशीष मजूमदार। जिन्होने एक गरीब परिवार में जन्म लिया था। लेकिन अपने प्रयासों से खुद की किस्मत ही बदल दी। और देबाशीष मजूमदार बन गए 18 करोड़ रुपेय की कम्पनी के मालिक। आज वो सभी युवा वर्ग के लिए एक प्रेरणा स्वरुप है। और उनके द्वारा किये गए कार्यो से हम बहुत कुछ सीख सकते है। क्योकि उन्होंने जीवन के संघर्षो से लड़कर खुद को साबित किया। और अपनी एक अलग पेहचान बनायीं है। उन्होंने शुरुआत की मोमोमिया से बिज़नेस की।
पश्चिम बंगाल के हाबरा में जन्मे है ,देबाशीष मजूमदार
बता दे कि देबाशीष का जन्म, पश्चिम बंगाल के हाबरा में हुआ है, और वो असम के रहने वाले है। और देबाशीष एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते है। और उन्होंने एक मध्यम परिवार की परेशानियों को समझा है, और जाना है। क्योकि एक माध्यम परिवार में एक प्रचलन ज़रूर होता है, कि या तो वे एक डॉक्टर बनते है , , या फिर इंजीनियर बनते है। देबाशीश ने बैंकर एक पद चुना।
नौकरी भी की देबाशीष ने
बता दे कि, देबाशीष ने असम के गोहाटी में अस्सिटेंट सहायक के पद पर काम किया था। और उन्हें नौकरी करने का मन नहीं था। इसलिए वे इस नौकरी को छोड़ना चाहते थे। उनकी कुछ ही समय पहले नई नई शादी भी हुई थी। ऐसे में इतना बड़ा फैसला लेना आसान नहीं था। देबाशीष एक बैंकर के पद पर थे। और उनकी सैलेरी भी अच्छी थी। लेकिन वो खुद का कोई स्टार्ट अप करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का का फैसला ले लिया।
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शुरू किया “मोमोमिया” का बिज़नेस
बता दे कि,साल 2017 में देबाशीष ने सबसे पहले आइस क्रीम का व्यापार किया था। लेकिन उनका ये व्यापार सफल नहीं हो पाया था। और उन्हें करीब 10 लाख का घाटा भी हो गया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। और फिर से व्यापार करने की ठानी। और 2018 में देबाशीष ने शुरुआत की मोमोमिया की , जो कि इंडिया के बेस्ट मोमो बनाते है। और उनका ये बिज़नेस का टर्न ओवर करीब 18 करोड़ रुपए है।
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