देखिये इस इंजीनियर जोड़े का कमाल, विदेश से लाखों की नौकरी छोड़कर कर रहे है व्यापार, दे रहे है गरीबो को रोज़गार

आपमें से बहुत से ऐसे लोग होंगे, जो शायद जॉब लगने के बाद उसे छोड़ दे, क्योकि जॉब बहुत मुश्किल से लगती है। और अगर जॉब विदेश में अच्छी सैलरी पर हो,तो फिर तो क्या कहने ? लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है, जिनकी सोच थोड़ा दूरदर्शी होती है, और उन्हें ज़िंदगी में कुछ और करना होता है। इसलिए वो कुछ अलग काम करते है। ऐसा ही एक कपल है केरला के रहने वाले देव नारयणन जी और उनकी पत्नी सारन्या। जिन्होंने “पपला” नाम से एक कम्पनी की शुरुआत की थी। जिसमे देवकुमार नारायणन ने पान के पत्तों से उद्पाद बनाकर बेचना शुरू किया और आज वो करोड़ो का फायदा कमा रहे है। और न सिर्फ वो खुद भी सक्षम बन रहे है, बल्कि दुसरो को भी रोज़गार दे रहे है।

 देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या दोनों वापस अपने गाँव मदिकई केरला लौट आए।
देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या दोनों वापस अपने गाँव मदिकई केरला लौट आए।

देवकुमार नारायणन UAE से छोड़ी नौकरी, लौटे गाँव

बता दे कि देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या ने दिल्ली से साथ में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर अमीरात में नौकरी करके लिए चले गए। लेकिन धीरे धीरे समय के साथ साथ दोनों ने काफी समय नौकरी करने के बाद खुद का कोई बिज़नेस करने ठानी ,और वापस अपने गांव लौट आये।

देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या ने दिल्ली से साथ में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की
देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या ने दिल्ली से साथ में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की

देवकुमार नारायणन लौटकर शुरू किया “पपला” बिज़नेस

देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या दोनों वापस अपने गाँव मदिकई केरला लौट आए। और लौटकर उन्होंने ये ध्यान दिया,कि उनके गाँव में पान के पत्तो का उद्पादन काफी मात्रा में हो रहा था, और उन्होंने इसी के बारे में खास रिसर्च करके अपना काम शुरू किया। शुरुआत में उनके माता पिता ने  काफी बार मना किया कि नौकरी मत छोड़ो, और यहाँ आकर संघर्ष करने की कोई ज़रूरत नहीं है ,लेकिन देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या ने उन्हें समझाया ,और उन्हें मना ही लिया। और फिर उन्होंने शुरुआत की पपला कम्पनी की। जिसमे उन्होंने पान के पत्तों से उदपाद बनाना शुरू किया।

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 देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या द्वारा शुरू किया गया पपला कम्पनी ने कई गाँव के लोगों को रोज़गार दिया।
देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या द्वारा शुरू किया गया पपला कम्पनी ने कई गाँव के लोगों को रोज़गार दिया।

दिया कई लोगों को रोज़गार

बता दे कि देवकुमार नारायणन और उनकी पत्नी सारन्या द्वारा शुरू किया गया पपला कम्पनी ने कई गाँव के लोगों को रोज़गार दिया। सक्षम बना रहे है। और पपला का एक ही उद्देश्य है कि eco फ्रेंडली उदपाद का निर्माण करके पर्यावरण की रक्षा करे।

पपला का एक ही उद्देश्य है कि eco फ्रेंडली उदपाद का निर्माण करके पर्यावरण की रक्षा करे।
पपला का एक ही उद्देश्य है कि eco फ्रेंडली उदपाद का निर्माण करके पर्यावरण की रक्षा करे।

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