साधारण जीवन है, और उच्च व्यापार, दादा के साथ बेचते थे कभी कपड़े, और आज दे रहे है फैशन को नई पहचान

सफलता हासिल करना उतना मुश्किल नहीं होता है, बल्कि उस पर टिके रहना मुश्किल है। इसलिए सफलता के किये गए प्रयास उससे भी ज्यादा ज़रूरी है। इसलिए ये भी कहा जाता है। कि सपने अगर आपने देखे है तो, उसके लिए कोशिशों भी आपको ही करनी होती है। आज की कहानी उनके नाम है। जिन्होंने कभी अपने काम की शुरुआत की थी एक साधरण कपड़ो को बेचने से। और आज वो फैशन को एक नयी पहचान दे रहे है। और एक ब्रांड भी बना चुके है , उस ब्रांड का नाम है पैंटलून्स। और वाकई पेनलूंस आज के समय की समय की सबसे महंगी ब्रांड बन चुकी है। और किशोर बियानी एक साधारण सा जीवन जीने वालो में से है। और अब दुनिया को भी फैशन के नए नए तरीके सीखा रहे है। और बेहद ही साधारण ही जीवन जीते है। लेकिन उनका काम कोई साधारण नहीं है। वो दुनिया भर के बेस्ट फैशन ब्रांड्स के लिए जाने जाते है।

पारिवारिक व्यापार को दिया नया मोड़
पारिवारिक व्यापार को दिया नया मोड़

पारिवारिक व्यापार को दिया नया मोड़

किशोर जी का जन्म एक 1961 में एक कपडा व्यापारी घर में हुआ था। और उनके परिवार में भी कपड़ो का ही व्यापार किया जाता था। पारिवारिक व्यवसाय के चलते उन्हें भी कपड़ो के व्यापार में रूचि हो चली थी। और उन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान स्थापित कर ली था। उन्होंने रिटेल मार्केटिंग में अपनी एक अलग ही पहचान बनायीं हुयी है। और खुद को स्थापित किया है। किशोर बियानी रिटेल किंग भी कहे जाते है।

साल 1987 में किशोर बियानी ने इस कपड़ो के साधारण से काम को थोड़ा अनोखे ढंग से मार्केट में उतारा।
साल 1987 में किशोर बियानी ने इस कपड़ो के साधारण से काम को थोड़ा अनोखे ढंग से मार्केट में उतारा।

बना दिया साधारण से व्यापार को बढ़िया

साल 1987 में किशोर बियानी ने इस कपड़ो के साधारण से काम को थोड़ा अनोखे ढंग से मार्केट में उतारा। और इसे एक नया रूप दे दिया। जिसके लिए उन्होंने साधारण से कपड़ो के ब्रांड को रेडीमेड कपड़ो के ब्रांड में तब्दील करना शुरू कर दिया था। जिसकी वजह से आज वो इतने फेमस भी हो चुके है। और कइ तरह के फैशंस ब्रांड के लिए भी जाने जाते है , एक नयी पहचान बनाये हुए है। वैसे तो किशोर जी ने कई तरह के फैब्रिक के कपड़ो में डील की है , लेकिन उन्हें स्टोनवॉश फैब्रिक के कारोबार में बहुत सफलता मिली है। फिर उन्होंने अपने काम को बढाया।

1992 में बना डाला पैंटलून्स ब्रांड
1992 में बना डाला पैंटलून्स ब्रांड

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किशोर बियानी 1992 में बना डाला पैंटलून्स ब्रांड

कपड़ो के इस साधारण से व्यापार में उन्होंने सिर्फ 26 साल की उम्र से मेहनत करना शुरू कर दिया था। जिसमे उन्होंने काफी जायदा परिश्रम भी किया , और साल 1992 में उन्होंने शुरूआत की पैंटलून्स की। जो कि उन्होंने एक अनोखी कपड़ो के ब्रांड में के रूप में स्थापित किया।

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