पौधो को सींचने के लिए बना डाला सोलर साइकिल, बिना पंप के भी कर सकते है सिंचाई, 11 वी की रचना की है ये अनोखी रचना

स्कूली जीवन में छात्रों को बहुत सी चीज़े सीखने को मिलती है। और वो बहुत तरह के नए अविष्कार करते है। जिससे छात्रों में नव परिवर्तन होते रहते है। और छात्रों में अद्वितीय प्रतिभा का भी विकास होता रहता है। ऐसी ही एक प्रतिभा है कक्षा 11 की रचना बोडागु। जिन्होंने इतनी कम उम्र में इतना बड़ा अविष्कार कर दिखाया है। जिसे देखकर हर कोई हैरान हो रखा है। क्योकि इस उम्र में या छात्र बच्चे सिर्फ पढ़ाई करते है, या खेल कूद करते है। लेकिन रचना ने इसी उम्र में अपने दायरो से बाहर निकलकर कुछ नया और अनोखा कार्य कर दिखाया है। उन्होंने मात्र 11 की छात्रा होते हए इतना बड़ा अविष्कार कर दिखाया है। रचना बोडागु ने अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए सोलर साइकिल का निर्माण किया है। जो कि बिना पंप के सिंचाई कर सकता है। और एक ही समय पर बहुत से पोधो की सिंचाई कर सकता है। और उन्हें पानी दे सकता है।

रचना बोडागु भारत में बेंगलुरु की रहने वाली ह्वै।
रचना बोडागु भारत में बेंगलुरु की रहने वाली ह्वै।

बेंगलुरु की है रचना बोडागु

बता दे कि रचना बोडागु भारत में बेंगलुरु की रहने वाली ह्वै। और उनमे किसानो की सेवा भाव करने की इच्छा काफी पहले से थी। और वो किसानो के लिए कुछ करना चाहती थी। और रचना बोडागु अभी सिर्फ कक्षा 11 में है। और उनकी सोच बहुत बड़ी है। जिसकी वजह से वो सफलता पा रही है। और रचना का उद्देश्य है कि eco फ्रेंडली तरीके से किसनो की मदद करना। और इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने पुरज़ोर प्रयास करके एक सोलर साइकिल का निर्माण ही कर डाला। क्योकि किसानो को सिंचाई के लिए वाटर पंप की ज़रूरत पड़ती है ,और इस सोलर साइकिल में पंप की बिलकुल भी ज़रूरत नहीं पड़ती है।

रचना बताती है कि, वो आनंद मल्लिगवड़ के साथ, कोमासांद्रा तालाब को फिर से जीवित कर चुकी है।
रचना बताती है कि, वो आनंद मल्लिगवड़ के साथ, कोमासांद्रा तालाब को फिर से जीवित कर चुकी है।

 कोमासांद्रा तालाब को किया पुनरजीवित

रचना बताती है कि, वो आनंद मल्लिगवड़ के साथ, कोमासांद्रा के तालाब को फिर से जीवित कर चुकी है। और तालाब के आसपास उन्होंने करीब 2000 पौधे भी लगाए है और एक जंगल तैयार किया है। जिसको पानी देना अपने आप में ही एक बहुत बड़ा टास्क था। क्योकि पुरे 2000 पौधो को जीवित रखना काफी मुश्किल है। और मशहक्त का काम है। इसके लिए उन्होंने अपने गुरूजी से प्रेरित होकर एक इरीगेशन सिस्टम तैयार करने की ठानी। और बना डाली एक सोलर वाटर साइकिल। जो कि बिना पंप के कार्य करती है।

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रचना ने तैयार किया सोलर साइकिल सिस्टम
रचना ने तैयार किया सोलर साइकिल सिस्टम

 ऐसे तैयार हुआ सोलर साइकिल सिस्टम

बता दे कि, रचना के लिए ये सफर आसान नहीं था। क्योकि ये प्रोजेक्ट थोड़ा खर्चीला था। रचना ने इंटरनेट की मदद से कई ऐसे लोगो को ढूंढा जिन्होंने इस सिस्टम के लिए रचना को वाटर पंप और सोलर पैनल दिया। जिसके मदद से रचना ने सोलर साइकिल सिस्टम बना डाला। और इसमें रचना के करीब 1 लाख का खर्चा आ चुका है।

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