कभी सफाई का काम किया, तो कभी बांटे अख़बार, एक सलाह ने बदल दी ज़िंदगी, में कुछ काम करने तमन्ना ने पंहुचा दिया जीरो से करोड़ो तक के सफर पर

कहते है अगर होंसलो सच्चे हो, तो उनकी उड़ान कमाल की होती है। और मेहनत जितने सच्चे दिल से की जाय उसका आनंद उतना ही बढ़ जाता है। कई इंसान ऐसे होते है। जिनके संघर्ष की दास्ताँ बहुत कठिन होती है ,और उन्होने जीवन में वो काम किया होता है। जो हमारे डी लिए सबसे कठिन होता है। ऐसे ही एक शख्स है आमिर क़ुतुब ने जीवन की हर मुश्किलों से लडकर खुद को स्थापित किया है। उनका नाम है आमिर कुतुब। जिन्होंने जीवन में हर संघर्ष किया है। और विदेश में अख़बार बेचने से लेकर उन्होंने एयरपोर्ट पर सफाई का काम भी किया है। और खुद की एक करोड़ो की कम्पनी स्टार्ट की थी। जिसे उन्होने सफलता तक पंहुचा ही दिया।

आमिर का जन्म एक बहुत ही मध्यम वर्ग के परिवार में उत्तरप्रदेश के अलीगढ में हुआ था।
आमिर का जन्म एक बहुत ही मध्यम वर्ग के परिवार में उत्तरप्रदेश के अलीगढ में हुआ था।

उत्तर प्रदेश से है आमिर क़ुतुब

आमिर क़ुतुब का जन्म एक बहुत ही मध्यम वर्ग के परिवार में उत्तरप्रदेश के अलीगढ में हुआ था। और उन्हें शुरू से ही पढ़ने में कोई रूचि नहीं थी। लेकिन उन्होंने जैसे तैसे अपनी पढ़ाई पूरी की और नौकरी करने लगे। हांलाकि वो नौकरी भी नहीं करना चाहते थे, लेकिन परिवार के दबाव उन्होने नौकरी भी थी। उनके माता पिता शुरू से ही सामान्य माता पिता की तरह चाहते थे, कि वह पढ़ लिखकर कोई अफसर बने। और कामयाब हो। लेकिन आमिर के सपने तो कुछ ओर ही थे।

क़ुतुब ने फ्रीलांसिंग के काम के दौरान सोचा ऑस्ट्रेलिया के बारे में
क़ुतुब ने फ्रीलांसिंग के काम के दौरान सोचा ऑस्ट्रेलिया के बारे में

 फ्रीलांसिंग के काम के दौरान सोचा ऑस्ट्रेलिया के बारे में

बता दे कि, आमिर कुतुब को ग्राफ़िक्स के काम में बहुत रूचि थी। और उनके कई बाहर देशो के क्लाइंट्स भी थे। उन्ही में एक क्लाइंट ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के बारे में बताया। और क़ुतुब ने तब से ही मन में ऑस्ट्रैलिया जाने का विचार बनाया। और वो ऑस्ट्रेलिया चले गए।

आमिर आज अपनी मेहनत से कपनी खुद की एक कंपनी चलाते है
आमिर आज अपनी मेहनत से कपनी खुद की एक कंपनी चलाते है

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आमिर क़ुतुब अख़बार बेचे और किया सफाई का काम

बाहर रहना वाकई ही बहुत कठिन होता है। क्योकि बाहर जाकर रहने में और वहां के खर्चे में बहुत अंतर होता है। इसलिए क़ुतुब ने भी मजबुरी में हर छोटा और बड़ा काम किया। आमिर क़ुतुब एयरपोर्ट पर सफाई का भी काम करना पड़ा था। ताकि गुज़ारा हो सके। इसके साथ ही उन्होंने अख़बार भी बेचने पड़े ,और उसके बाद बचे हुए समय को वो अपने बिज़नेस पर लगाते थे। उन्होंने बस में सफर कर रहे एक यात्री से बातचीत दौरान पता चला कि वो कैसे कम समय में स्मनार्टनेस के साथ अपने इस काम को बढ़ा सकते है। और Ameer qutub ने तभी से अपने ऊपर काम करना शुरू कर दिया। और वो आज अपनी मेहनत से कपनी खुद की एक कंपनी चलाते है और आज उनकी ये कम्पनी करोड़ो का फायदा कमा रही है। और उनकी इस कंपनी में करीब 300 अस्थायी कर्मचारी काम करते है।

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