पिता की दी हुई 2 गायो से शुरू किया था ये डेरी का काम, 5 वी पास बिटाना देवी जी कमाई आज किसी बिजनेसमैन से कम नहीं है

कहते है कि, सफलता बिना किसी डिग्री के ,और बिना किसी प्रोफेशनल शिक्षा के ज़िंदगी का हासिल की जा सकती है। उन्होने अनपढ़ होते हुए भी बिज़नेस की शुरूआत की थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अनपढ़ होते हुए भी पढ़े लिखे लोगों के लिए मिसाल पेश की है। और आज वो एक उदाहरण भी बन चुकी है। आज हम बात कर रहे है, बिटाना देवी जी के बारे में , जिन्होंने समाज की रूढ़िवादी सोच को चुनौती देकर खुद का एक अस्तित्व साबित किया है। और दूसरे लोगो के लिए भी एक प्रेरणा स्थापित की है। और राष्ट्रपति जी द्वारा भी उनका ये प्रयास सराहा जा चुका है। और उन्हें “उत्कृष्ट कृषक सम्मान” राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा मिल चुका है। और  आज पशुपालन में बेहतर प्रदर्शन कर रही है। और वो सालाना दूध और गोबर बेचकर 15 से 20 लाख तक की कमाई कर लेती है।

बिटाना देवी जी उत्तर प्रदेश के मोहन लाल गंज की निवासी है
बिटाना देवी जी उत्तर प्रदेश के मोहन लाल गंज की निवासी है

उत्तर प्रदेश की निवासी है बिटाना

वो मात्र 15 साल की ही थी, जब उनका ब्याह करवाया गया था। घर में काफी परेशानी थी। साधारण परिवार में जन्मी बिटाना देवी जी को उनकी शादी में एक गाय और भैंस मिली थी। और वही बिटाना  की आय का साधन थी। बिटाना देवी जी उत्तर प्रदेश के मोहन लाल गंज की निवासी है। और उन्होंने एक ऐसे समाज में जन्म लिया था, जहाँ पर लड़कियों को पढ़ाना तो छोड़ो , उन्हें घर से बाहर तक जाने की कोई आज़ादी नहीं थी। और इसलिए शायद बिटाना देवी जी भी नहीं पढ़ पायी थी।

बिटाना देवी ने अपने डेरी फार्म की शुरुआत साल 1996 में की।
बिटाना देवी ने अपने डेरी फार्म की शुरुआत साल 1996 में की।

सिर्फ 5 वी तक ही पढ़ पायी थी बिटाना देवी

शिक्षा के महत्व को किसी भी सूरत में नहीं नकारा जा सकता है। और इसी वजह से आज कई लोग ऐसे भी है, जो शिक्षा के मार्ग को अपनाकर ही सफलता प्राप्त करते है। लेकिन वही कुछ लोग बिटाना देवी जी जैसे भी है, जिन्होंने सिर्फ 5 वी तक की ही पढ़ाई की है। और आज वो खुद का डेरी उद्योग भी चलाती है। और सफल है।

शुरुआत में बिटाना देवी के पास सिर्फ उनके पिता की दी हुई गाय और भैंस ही थी,
शुरुआत में बिटाना देवी के पास सिर्फ उनके पिता की दी हुई गाय और भैंस ही थी,

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 शुरुआत की डेरी फार्म की

शुरुआत में बिटाना देवी के पास सिर्फ उनके पिता की दी हुई गाय और भैंस ही थी, जिसका उन्होंने पूरा ध्यान रखा हुआ है। और उन्हें बिलकुल अपने बच्चे की तरह पालती है , बिटाना देवी ने अपने डेरी फार्म की शुरुआत साल 1996 में की। और पुरे मन से डेरी का काम किया। उनकी सेवा का ही फल रहा है कि बिटाना देवी जी ने एक के एक बाद दुधारू पशु खरीदकर अपना काम आगे बढ़ाया। और वो आज देश की डेरी प्रोडक्ट कम्पनी पराग को भी दूध सप्लाई करती है। और दूध और गोबर बेचकर साल का करीब 15 से 20 लाख रुपए कमा लेती है।

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