लोगों के कपडे सिल सिल कर बेटे को पढ़ाया, और बेटे ने भी एसडीएम बनकर पिता का मान बढ़ाया

ये सपना केवल इस युवक का नहीं था। बल्कि पुरे परिवार का था। सहारनपुर का रहने वाला एक ऐसा परिवार, जिन्होंने एक ख्वाब देखा। एक ऐसा ख्वाब देखा, जिसमें उन्होंने सपने बुनेे अपने बेटे की सफलता के। और आदेश कुमार ने भी उनका मान बढ़ाते हुए उनका नाम किया। हम बात कर रहे है एक दर्ज़ी के बेटे आदेश कुमार की। जिनके माता पिता ने उन्हें बहुत संघर्ष करके पढ़ाया। और सहारनपुर निवासी आदेश कुमार ने भी इस बात का मान रखते हुए। सफलता हासिल की और अपने परिवार का ही नहीं बल्कि अपने गाँव का भी नाम बढ़ाया।

आदेश के पिता भले ही अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उनकी घंटो रातो जागकर की गयी मेहनत आज भी आदेश को याद है
आदेश के पिता भले ही अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उनकी घंटो रातो जागकर की गयी मेहनत आज भी आदेश को याद है

आदेश कुमार को पढ़ने के लिए किया सिलाई का काम

पिता स्व. मांगेराम और माता ब्रिजेश ने अपने बेटे आदेश कुमार को पढाने के ही लिए सिलाई का काम शुरू किया। शुरू में तो उनके पास इतने पैसे भी नहीं होते थे कि वो आदेश को अच्छी शिक्षा दे सके। घर में उनके बाद दो बहने भी थी। और उन्होंने आदेश की पढ़ाई के लिए अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया और झांसी के बीआईईटी से बीटेक करने वाले आदेश के पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे, कि उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए बाहर भेजा जा सके। लेकिन आदेश के पिता जी ने भी हार नहीं मानी। और उन्होंने घर पर ही लोन ले लिया।

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घर में उनके बाद दो बहने भी थी। और उन्होंने आदेश की पढ़ाई के लिए अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया
घर में उनके बाद दो बहने भी थी। और उन्होंने आदेश की पढ़ाई के लिए अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया

रातों घंटो मेहनत करते थे माता पिता सिलाई में

आदेश कुमार के पिता भले ही अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उनकी घंटो रातो जागकर की गयी मेहनत आज भी आदेश को याद है। जिसकी बदौलत आज एसडीएम बनकर परिवार की मजबूती बने हुए है। बता दे कई बार तो आदेश के पिता जी को रात रात भर घंटो जागकर कपड़े सिला करते थे। और महज़ 4 घंटे की ही नींद लिया करते थे। ताकि वे कुछ अच्छा कर सके अपने बच्चो के लिए।

पिता ने उन्हें बहुत संघर्ष करके पढ़ाया। और सहारनपुर निवासी आदेश कुमार ने भी इस बात का मान रखते हुए। सफलता हासिल की
पिता ने उन्हें बहुत संघर्ष करके पढ़ाया। और सहारनपुर निवासी आदेश कुमार ने भी इस बात का मान रखते हुए। सफलता हासिल की

पडोसी ने कहा कि इसे भी सिलाई सीखा दो…..

जब आदेश कुमार के कक्षा 10 वीं की परीक्षाए चल रही थी। तभी उनके घर पर उनके एक पडोसी आए। और आदेश को पढ़ता देखकर उनके पिता से बोले कि “मांगेराम तुम क्यों इसकी पढ़ाई लिखाई पर पैसा बर्बाद कर रहे हो ?इसे एक मशीन लाकर सिलाई का काम करा लो ” ये कुछ ऐसे शब्द थे जो सिर्फ आदेश को ही नहीं ,बल्कि उनके पिता को बहुत चुभे थे। और तभी से आदेश के पिता जी ने आदेश को एक अफसर बनाने का सपना देख लिया था।

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