अक्सर आपने देखा होगा कि, बहुत से लोग पुराने समय में विवाह कर देते थे। और ऐसे में छोटी सी उम्र में ही बाल विवाह हो जाया करते थे। लेकिन आज ये प्रथा गलत मानी जाती है। और बहुत से लोगो का ब्याह तो पुराने समय के हिसाब से ही होता है। लेकिन समय के साथ कानूनों में बदलाव हुआ। और अब समय भी तो बदल रहा है। जिसके तहत अब किसी भी बाल विवाह 18 साल से कम उम्र से पहले नहीं किया जा सकता है। अन्यथा दंड का प्रावधान है। लेकिन बहुत से ऐसे विवाह हुए है, जो कि, पहले के समय में हुए थे। और आज भी टीके हुए है। और आज की कहानी हमारी इसी पर आधारित है। ये कहानी है राजस्थान की रहने वाली रूपा यादव की। जिन्होंने अपने पति की मदद से अपनी पढ़ाई पुरी की थी। और फिर उसके बाद उन्होंने दिन रात एक करके पढ़ाई पूरी की है। और अब वे डॉक्टर बन गयी है। और अपनी पति की मेहनत को सफल कर दिया है।
राजस्थान से है रूपा यादव
बत दे कि, रूपा यादव जी राजस्थान के जयपुर (Jaipur) जिले के चौमू क्षेत्र के करेरी गांव की रहने वाली है। और बहुत ही गरीब परिवार में जन्मे है। और उनके पिता जी ने भी अच्छा वर मिलने पर उनका ब्याह करवा दिया था। लेकिन उनकी उम्र उस वक़्त बहुत छोटी थो। तो उनका बाल विवाह ही हुआ था ,लेकिन रूपा ने भी अपने सपनो की बलि नहीं दी। उनके पति ने उनका साथ दिया। और शादी के बाद भी खुद से ही उसे पढाया लिखाया था।
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पति ने ऑटो चलाकर बनाया डॉक्टर
रूपा का संघर्ष तभी शुरू हो गए था , जब वे सिर्फ 12 साल की थी। और उस वक़्त उस बालि उम्र में उन्हें कोई समझ नहीं थी। लेकिन उनके पति ने इस संघर्ष में उनका साथ दिया। और उन्हें सम्मान भी दिलवाया। लेकिन उनकी पत्नी रूपा ने भी उनका साथ दिया था। और साल 2017 में नीट की परीक्षा पास की थी। जिसके बाद उनकी नीट की परीक्षा में रैंक भी अच्छी आयी थी। जो कि करीब 603 रैंक रही थी। और जिसके बाद रूपा को एक सरकारी कॉलेज में दाखिला मिल गया था। और आज रूपा एक सफल डॉक्टर बन गयी थी।
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