सफलता का कोई धर्म नहीं होता जनाब! और मेहनत करने वाला हर इंसान इसे पा सकता है। और बस ज़रूरत होती है, कुछ अच्छा कार्य करने की। मेहनत और लगन सफलता की दो महत्वपूर्ण शर्ते होती है। और हर इंसान इन शर्तो पर खरा उतरे, ये ज़रूरी तो नहीं है। इसलिए जो जैसी मेहनत करता है, उसे उतनी ही सफलता देखने को मिलती है। और कठिनाईयां आना तो स्वाभाविक होता है। और वाकई यह अगर तय कर लिया जाय, तो हर मुशकिल आसान हो जाती है। बस जुनुन होना चाहिए हर मुश्किल आसान हो जाती है। और जीतने की चाहत भी बढ़ने लगती है। इसलिए हमे हमेशा प्रयासरत रहना चाहिये बिना किसी स्वार्थ के। आज हम आपको एक ऐसी हिज़ाबी छात्रा बुशरा मतीन के बारे में बात करने जा रहे है, जिन्होंने एक या दो बार नहीं नहीं बल्कि 16 बार मेडल्स जीतकर एक इतिहास दर्ज़ किया है।
बुशरा मतीन विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मिलेगा सम्मान
बता दे, कि बुशरा मतीन विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में सम्मान मिलेगा। उन्होंने 13 गोल्ड मेडल्स जीतकर इतिहास रच दिया है। वाकई ये बहुत गर्व की बात है कि, कोई महिला मुस्लिम समाज में होते हुए भी खुद की पहचान बना रही है। क्योकि मुस्लिम समाज में महिलाओ को घर से बाहर निकलने तक की इज़ाज़त नहीं होती है ,और बहुत ही कम लड़कियों को बाहर पढने का मौका मिल पाता है। और बुशरा रायचुर जिले के एसएनएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कर रही है।
बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ थी बुशरा
बता दे कि, बुशरा मतीन बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थी। और उनके माता पिता जी भी बताते है, कि बुशरा बचपन से ही पढ़ने में होशियार थी। और उन्होंने हर कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। और बुशरा ने यूनिवर्सिटी में शैक्षिक उत्कृष्ठता से प्रदर्शन किया है। जिसमें उन्हें सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल्स मिले है। और ये बहुत गर्व की बात है। क्योकि पहले कभी मुस्लिम महिला ने ऐसा नहीं किया है।
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यूपीएसी की तैयारी कर रही है बुशरा
बुशरा आगे चलकर देश की सेवा करना चाहती है। और इसके लिए वो यूपीएसी की तैयारी भी कर रही है। और वे सर्वश्रेषठ VTU छात्र के रूप में भी सभी छात्रो के लिए एक प्रेरणा स्वरूप है।
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