मजबूरी एक ऐसी स्थिति है, जिसमे इंसान बहुत से मुश्किल काम भी करता है। लेकिन वहीं इस दुनिया में ऐसे लोग भी होते है जो इन मुश्किलो के आगे हार नहीं मानते है।और कुछ बेहतर कर गुज़रते है। आज की कहानी है जोधपुर की रहने वाली एक आशा की। जिन्होंने पहले एक बार कभी जोधपुरी की सडको में झाडु तक लगाने का काम किया हे। हालाँकि उन्होंने बहुत से मुश्किल वक़्त से खुद को बाहर निकाला है। और आज आशा कंडारा एक सफाई कर्मचारी से लेकर RAS अधिकारी बनने का सफर तय कर चुकी है। और सभी के लिए मिसाल बन गयी है। क्योकि वो उन युवाओं के लिये एक प्रेरणा स्थापित कर चुकी है, जो कि हालातो के आगे हार मानकर बैठ जाते है। और खुद से आगे बढ़ने का प्रयास नहीं करते है। हमे आशा जैसी महिलाओं से ये सीखें चाहिए। कि मुश्किल हालातो में भी धैर्य नहीं छोड़ना चाहिये। और हमेशा आगे बढ़ना चाहिये।
जोधपुर की सड़को पर लगाती थी झाडु
बता दे कि, आशा कंडारा जी नगर निगम में बतौर सफाई कर्मचारी के तौर पर कार्यरत थी। और रोज सुबह जोधपुर किउ सदज्किओ पर झाड़ू लगाने का काम करती थी। लेकिन साथ ही उन्होंने अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए खुद से ही निरंतर प्रयास किये थे। और हमेशा ही सफलता पाने की ज़िद्द में आगे बढ़ती रही थी। और उन्ही के प्रयासो का परिणाम है कि, वह आज RAS अधिकारी बन गयी है और समाज के किये एक प्रेरणा भी बन गयी है।
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आशा कंडारा पति से हो गया था तलाक
बता दे कि, आशा RAS जी की शादी एक कुछ समय के बाद उनके पति से उनकी अनबन होने लगी थी। और कुछ समय के बाद दोनों ने ही तलाक ले लिया था। और उसके बाद आशा ने ही खुद अपने बच्चो का लालन पालन किया है। और एक अकेली माँ के तौर पर कई मुश्किलें झेली है।और आज वो अपनी मेहनत के बल पर एक अधिकारी एक तौर पर कार्यरत है।
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