गरीबी थी लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ी, पिता ने ट्रक चलाकर घर का खर्च चलाया, राकेश ने भी मेहनत करके पास की यूपीएसी परीक्षा, और बन गए आईएएस

अगर हम किसमत की कभी बात करे, तो हम ये जान सकेंगे कि, किस्मत भी उसी का साथ देती है, जो बुरे हालातो से हार न मानकर स्वयं को साबित करता है। लेकिन मायने रखता है कि, हम कितनी हिम्मत से उन हालातो से लड़ते है। और खुद के अस्तित्व को बनाने में कामयाब होते है। लेकिन अगर हमने पुरे मन से मेहनत की होती है, तो यक़ीनन सफलता ज़रूर मिलती है। आज हम आपको एक ऐसे बेटे के बारे में बताने जा रहे है , जिनके पिता ने स्वयं भी संघर्ष करके सफलता हासिल की है। और ट्रक चलकर अपने परिवार को भी पाला। और खुद भी एक शिक्षक बने। और उनेक बेटे राकेश ख्यालिया ने भी उनके मार्गदर्शन से प्रेरणा लेकर आईएएस अधिकारी का पद प्राप्त किया है। आईये जानते है, उनकी सफलता की कहानी।

सीकर के कटराथल से है राकेश ख्यालिया
सीकर के कटराथल से है राकेश ख्यालिया

सीकर के कटराथल से है राकेश ख़यालिया

बता दे कि राकेश ख़यालिया सीकर के कटराथल के रहने वाले है। और इनका जबम वेक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। क्योकि घर में संसाधनों की भी कमी थी, तो ऐसे में खुद को साबित करना ही बहुत बड़ी बात है। और न शरफ़ हालातो से लड़ना, बल्कि मर्हन्त करके आईएएस बनना भी तारीफ के काबिल है। आज राकेश ख्यालिया सभी युवाओ के लिए एक प्रेरणा स्वरुप है। और उन्होंने खुद की एक पहचान स्थापित की है।

राकेश के पिता एक समय पर ट्रक चलकर घर का गुज़ारा करते थे
राकेश के पिता एक समय पर ट्रक चलकर घर का गुज़ारा करते थे

राकेश ख्यालिया पिता चलाते थे कभी ट्रक

राकेश के पिता एक समय पर ट्रक चलकर घर का गुज़ारा करते थे। और आज वो स्वयं भी अपनी मेहनत के दम पर एक सरकारी शिक्षक के तौर पर कार्यरत है। शायद यही राकेश के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा रही है। जिसने उन्हें ये सिखाया कि, हालातो के आगे हर नहीं मानना चाहिए, और खुद के लिए कोशिश करते रहने चाहिए कामयाबी ज़रूर मिलती है।

कॉलेज का वह आयोजन बन गया महत्वपूर्ण मोड़
कॉलेज का वह आयोजन बन गया महत्वपूर्ण मोड़

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राकेश ख्यालिया कॉलेज का वह आयोजन बन गया महत्वपूर्ण मोड़

राकेश ख्यालिया के लिए उनके कॉलेज के दिनों में एक भव्य आयोजन उनके लिए एक अहम मोड़ साबित हुआ। क्योकि उस आयोजन की सारी जिम्मेदारी उनकी थी। आज जिससे उन्होंने सामाजिक कार्यो के प्रति सेवा जाग्रत हुई। और उन्होंने आईएएस की परीक्षा के लिए भी सोचा। और अपने प्रयत्नों के बल पर उन्होंने यूपीएसी की परीक्षा को पास भी किया और OBC के तहत 28 वी रैंक हासिल करके आईएएस का पद भी प्राप्त किया।

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