आपने कई तरह के फाइबर के बारे में सुना होगा जो या तो किसी कृत्रिम विधि से तैयार किये जाते है। या फिर नेचुरल तरिके से ही मिल जाते है। क्या आप केले के फाइबर में जानते हो ? केले का फाइबर एक ऐसा फाइबर है। जो मोटाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। और ये केले के तने के विशेष हिस्से से तैयार किया जाता है। हमारे भारत में बिहार का हाजीपुर एक ऐसी जगह है। जहां पर केले की खेती ज़ोरो शोरो से की जाती है। और बिहार की महिलाये विशेष तौर से केले की खेती के लिए जानी जाती है। और अब वो केले के तने से विशेष तौर से तैयार होने वाले केला फाइबर को भी बनाने के लिए भी जानी जाती है। और इस काम को ओर आगे बढ़ाने का काम कर रही है, 25 साल की फ़ैशन Entrepreneur (उद्यमी) वैशाली प्रिया। जो न सिर्फ महिलाओ की इस कला को आगे ले जा रही है। बल्कि उनकी इस कला को यूरोप तक भी पहुँचा रही है।
यूरोप के बाज़ारो तक पंहुचा रही है, केला फाइबर को वैशाली प्रिया
बता दे कि फ़ैशन Entrepreneur (उद्यमी) वैशाली प्रिया बिहार की महिलाओ की कला द्वारा निर्मित केला फाइबर को यूरोप के कपडा और एक्सेसरीज बाज़ार तक ले जा रही है। और भारत की इस खास कला को एक नई पहचान देने का प्रयास कर रही है। वैशाली गाँव की महिलाओ को केले के तने के विशेष भाग से फाइबर जमा करके बनाना सीखा रही है। और उनकी स्किल्स को भी विकसित कर रही है।
नेचुरल केला फाइबर को प्रमोट करने के लिए कर रही है काम
इस केला फाइबर को निकालने के काम को ओर बढ़ाने के लिए वैशाली प्रिया काफी काम कर रही है। जिसके लिए वो स्किल डेवलपमेंट क्लासेज भी महिलाओ को दे रही है। और वैशाली ने आर्गेनिक और नेचुरल प्रोडक्ट से फाइबर निकालने की स्किल को प्रमोट करने के लिए Surmayi Banana Extraction Project भी लांच किया है। जिसमें वो नैचुरली बनने वाले फाइबर के प्रमोशन के लिए भी काम कर रही है।
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कृषि विज्ञान केंद्र भी कर रहा है मदद
वैशाली द्वारा की गयी इस पहल के लिए कृषि विज्ञान केंद्र भी आगे आया है। और उनकी मदद कर रहा है। और वैशाली ने ये काम मात्र 30 महिलाओं के साथ शुरू किया था। और आज वो बहुत सारी ओर भी महिलाओ को शिक्षित कर रही है। और रोज़गार दे रही है .
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