हरे सोने से आभूषण बनाकर व्यापार कर रही है ये 65 साल की महिला, जानिए क्या हैं ये हरे आभूषण, जो हैं टिकाऊ और सबसे सस्ते भी

आजकल की नारियां किसी से भी कम नहीं हैं। चाहे उम्र के किसी भी पड़ाव में हो, उनका होंसला हर उम्र में जवान होता है। और एक महिला किसी भी उम्र में अनोखे आईडिया से एक अच्छा खासा बिज़नेस खड़ा कर सकती हैं, ऐसाें ही एक अनोखा बिज़नेस किया है मुंबई की रहने वाली हेमा हेमा सरदा जी ने, हेमा सरदा ने आभूषणों का व्यापार कर नाम कमाया हैं। अब आप कहेंगे कि इसमें अनोखा क्या है ? दरसल ये आभूषण कोई मामूली आभूषण नहीं है। बल्कि हरे सोने से बनाये गए है। अब ये हरा सोना क्या है , पीला सोना तो सुना था, लेकिन ये हरा सोना क्या है?

हेमा सहरदा द्वारा हरे सोने के बांस से बने ये आभूषण
हेमा सहरदा द्वारा हरे सोने के बांस से बने ये आभूषण

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हेमा सरदा हरे सोने से बनाती हैं ये आभूषण

हमारे देश में बांस यानी बेम्बू को हरा सोना कहा जाता है। क्योकि वो काफी मजबूत और टिकाऊ होता है। और मुंबई की रहने वाली हेमा हेमा सरदा 65 साल की है, और उन्होंने एक मेले की प्रदर्शनी में अपने कुछ बांस के गहनों का कुछ कलेक्शन दिखाया था, जिसके बाद उनका ये काम सभी को बहुत पसंद आया, और उन्हें काफी सराहना मिली, और उनका ये आभूषण सभी को खूब पसंद आये, और मुम्बई में वो (D2C) ब्रांड चलाती है, जिसमें वो असम के कुछ खास कारीगरों के साथ मिलकर बांस के आभूषण बनाकर बेचती है।

भारत की परम्परा को बनाये रखना चाहती हेमा
भारत की परम्परा को बनाये रखना चाहती हेमा

भारत की परम्परा को बनाये रखना चाहती हेमा सरदा

हेमा सरदा का मानना है कि भारत में शिल्पकार तो बहुत है। लेकिन यही खास पहचान आधुनिकता में दबकर रह गयी हैं। और वो बांस के इन आभूषणों को एक नया डिज़ाइन देकर उन्हें आधुनकिता के साथ सममिश्रित करना चाहती है। और इन आभूषणों को एक नया रूप देकर सुंदरता बढ़ाना चाहती है।

अक्षय और बहुमुखी होते है बांस के पेड़
अक्षय और बहुमुखी होते है बांस के पेड़

अक्षय और बहुमुखी होते है बांस के पेड़

सर्व मान्य मान्यताओं के अनुसार बांस के पौधे सरलता से उगाये जा सकते हैं। और अक्षय और टिकाऊ होते है, और इनका प्रयोग बहुमुखी होता है। और हेमा शारदा जी चाहती है कि दुनिया इस बांस की अनूठी पहल को पहचाने और समझे, और उन्होंने रोज़ मर्रा की ज़रूरत के हिसाब से गहने तैयार किये है। जिसे हर स्त्री पहन सकती है। और आसानी से इस्तेमाल कर सकती है।

हेमा शारदा दो कारीगरों के समूहों के साथ करती है काम
हेमा शारदा दो कारीगरों के समूहों के साथ करती है काम

दो कारीगरों के समूहों के साथ करती है काम हेमा सरदा

हेमा बताती है कि वे गुजरात और असम के कुछ खास और चुनिंदा कारीगरों के समूहों के साथ मिलकर कार्य करती हैं। और उन्ही की मदद से कुछ सिलेक्टेड आभूषणों को डिज़ाइन करती है। और इस काम में हेमा जी ने मात्र 15 हज़ार रुपए के निवेश से काम शुरू किया था, और आज उन्हें लाखों की कमाई हो रही है।

बांस के गहनों का कुछ कलेक्शन
बांस के गहनों का कुछ कलेक्शन

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