आईएएस परीक्षा के बारे में तो ज़रूर सुना होगा। जो कि विश्व की सबसे कठोर परीक्षा मानी जाती है। और हर साल कई लोग इसकी तैयारी करते है, लेकिन किसी न किसी कारणवश पीछे भी रह जाते है। लेकिन वहीँ कुछ लोग प्रशांत सुरेश डगले से भी होते है, जो अपने पूरे प्रयास से न सिर्फ इस यूपीएसी की परीक्षा को पास करते है, बल्कि उसमे अच्छी खासी रैंक भी हासिल कर लेते है। और आपने बहुत से गरीब बच्चो के बारे में भी सुना होगा, जिन्होंने बहुत सा संघर्ष करके सफलता हासिल की हुई होती है। और वे वाकई में एक इतिहास लिखते है। आज हम आपके लिए एक ऐसी ही कहानी लेकर आये लेकर आये है। जो कि है एक आदिवासी परिवार के बेटे प्रशांत सुरेश दोगले जी की। जिन्होने न सिर्फ यूपीएसी की परीक्षा में सफलता हासिल की है। बल्कि उन्होंने अपनी आदिवासी समाज का भी नाम रोशन किया है। आईये जानते है उनके बारे में।
महाराष्ट्र में जन्मे थे प्रशांत सुरेश डोगले
बता दे कि प्रशांत सुरेश जी महारष्ट्र के आदिवासी समाज से आते है। और उन्होंने UPSC CSE 2021 में 583वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार के साथ साथ पूरे आदिवासी समाज को गौरवान्वित महसूस करवाया है। और प्रशांत सुरेश डगले ने उन लोगो के लिए एक प्रेरणा स्थापित की है, जो ये सोचते है, कि सफलता केवल साधनो से होने से ही मिल सकती है, लेकिन हमे प्रशांत जैसे उदाहरण से सीखना सीखना चाहिए।
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बचपन में ही सोच लिया था सिविल सेवा में जाने के लिए
प्रशांत जी ने जवाहर नवोदय विद्यालय, खेड़गांव नासिक से अपनी 6 से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है। और उन्होंने अपने बचपन में ही सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया था। और तभी से उन्होंने एक अफसर बनने का सपना पूरा कर दिखाया है।
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