हरियाणा के इस छोरे ने कर दिया कमाल, पिता चलाते है आटा चक्की, और बेटा बन गया भाभा अनुसन्धान में वैज्ञानिक

कहते है कि कामयाबी भी उसे ही मिलती है, जो उसके लिए पुरे मन से पुरे जतन और लगन से काम करता है। चाहे फिर कुछ भी क्यों न हो जाये, व्यक्ति पुरे मन से उसके लिए प्रयासरत रहता है। और हालात चाहे जैसे भी हो जाए, वो हार नहीं मानता है। और पूरी मेहनत से अपने लक्ष्य को पा ही लेता है। आज हम आपको एक ऐसे शक्स की सफलता की दास्ता सुनाने जा रहे है, जिनके पिता ने उन्हें बहुत ही मुश्किलों से पाला और इस काबिल बना दिया कि, आज वो देश के सर्व श्रेठ वैज्ञानिक अनुसन्धान भाभा में बतौर साइंटिस्ट कार्य कर रहे है। और ये सफर आसान नहीं था। उनके पिता ने उन्हें आटा चक्की में काम करके पाला था। और अशोक कुमार ने भी पूरी मेहनत से उनके इस परिश्रम का सिला उन्हें अपनी कामयाबी से गर्वित कराकर दिया।

अशोक का जन्म हरियाणा के हिसार गाँव में हुआ था
अशोक का जन्म हरियाणा के हिसार गाँव में हुआ था

हरियाणा से है अशोक कुमार

बता दे कि, अशोक का जन्म हरियाणा के हिसार गाँव में हुआ था। वे बहुत ही गरीब परिवार में जन्मे थे। और उनके पिता जी हिसार के ही छोटे से गाँव मुकलान में ही छोटी सी आटा चक्की चलकर अपने परिवार का गुज़ारा करते है। उनकी इच्छा शुरू से ही अपने बेटे को कामयाब बनते देखने की थी। और उनके बेटे अशोक ने ऐसा करके भी दिखाया। उन्होंने देश के वैज्ञानिक भाभा अनुसन्धान में बतौर वैज्ञानिक के तौर पर चयनित होकर स्वयं को साबित किया है।

कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी स्कीम का रहा योगदान
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी स्कीम का रहा योगदान

कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी स्कीम का रहा योगदान

बता दे, कि अशोक ने मोदी जी की ये कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी स्कीम की बदौलत अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। और उनके शिक्षक का भी उनके मॉर्गदर्शन में अहम योगदान रहा है। जिसके बदौलत उन्होंने आज इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करके इतिहास रचा दिया है। और सिर्फ अपने परिवार का ही नहीं बल्कि अपने देश का भी नाम रोशन किया है।

अशोक के पिता चलाते है आटा चक्की
अशोक के पिता चलाते है आटा चक्की

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पिता चलाते है आटा चक्की

अशोक के पिता हिसार के ही छोटे से गाँव मुकलान में आटा चक्की चलाकर अपने परिवार का किसी तरह से गुज़ारा करते है। और किसी तरह से अपने बच्चो को उन्होंने पढ़ाया। और उनके बेटे अशोक ने उनकी मेहनत का फल इस तरफ से bhabha वैज्ञानिक बनकर अदा किया। जिसके बाद वो काफी गर्व महसूस कर रहे है।

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