फूल बेचने के लिए कभी सड़को पर दौड़ा करती थी ये लड़की, आज गरीबी को मात देकर पहुंच चुकी है, अमेरिका की यूनिवर्सिटी में, कर रही है पीएचडी

सफलता का सफर आसान नहीं होता है, हर बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। और हमे ये भी समझने की ज़रूरत होती है कि, इन सबसे भी ज्यादा अगर कोई मुश्किल बड़ी होती है, वो है गरीबी की मार। क्योकि गरीबी एक ऐसा अभिशाप है, कि जिससे हर व्यक्ति सफलता के रास्ते में बहुत बड़ी परेशानी में पड़ जाता है। क्योकि एक तो मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव रहता ही है। और ऊपर से फिर खाने पीने के लिए भी संघर्ष करना ही बहुत बड़ा बात होती है। आज हम जिस लड़की की बात यहाँ करने वाले है ,उनका नाम है सरिता माली। जी हाँ सरिता ने माली ने गरीबी से निकलकर खुद को ताराशने में जीत हासिल कर ली है। और उन्होंने मेहनत से पहले JNU में जगह हासिल की है। और फिर अभी अमेरिका में भी के यूनिवर्सिटी में भी स्थान हासिल किया है। जो कि भारत के लिए बहुत बड़ी बात है।

 सरिता माली के पिता जी फूल बेचने का काम करते थे।
सरिता माली के पिता जी फूल बेचने का काम करते थे।

पिता जी बेचते थे फूल

बता दे कि, सरिता माली के पिता जी फूल बेचने का काम करते थे। और सरिता माली के पिता जी के साथ उनके भाई बहन के साथ रोड पर फूल बेचने के लिए मदद करते थे। और वो आज भी रोड पर फूल बेचते हुए दौड़ते बच्चो को देखते हुए भावुक हो जाती है। और उन्होंने इस बार एक मीडिया पोस्ट के ज़रिये अपनी कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की है।

सरिता ने पोस्ट में लिखा कुछ ऐसा
सरिता ने पोस्ट में लिखा कुछ ऐसा

सरिता माली पोस्ट में लिखा कुछ ऐसा

सरिता माली ने अभी हाल में एक सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की थी , जिसमें उन्होंने रोड़ के किनारे पर फूल बेचते हुए बच्चो का ज़िक्र किया है। और उसमे उन्होंने उन बच्चो की हालत बताई है। और सवाल किया है कि इनका भविष्य कैसा होगा ? क्या ये हमेशा ही ऐसे ही रहेंगे ? बहरहाल! जो भी हो पर ये देश के लिए भी एक सवाल है। कि इन फूटपाथ वाले बच्चो को पढ़ने के लिए कौन प्रेरित करेगा?

सरिता माली PhD करने के बाद अमेरिका में उन्हें दोबारा से पीएचडी करने का मौका मिला
सरिता माली PhD करने के बाद अमेरिका में उन्हें दोबारा से पीएचडी करने का मौका मिला

इसे भी अवश्य पढ़े:-अपनी पहचान बनानी थी, तो नौकरी छोड़ दी, और शुरू किया बेकरी का काम, आज कमाती है, लाखों रुपए महीने का

मुंबई से JNU तक का सफर

बता दे कि, सरिता माली ने इसी भूख के संघर्ष में जुझते हुए अपनी पढ़ाई भी पूरी की है।और मुंबई में प्रारंभिक शिक्षा के बाद वो JNU में MA करने चली गयी , और उसके बाद अब वो MA, M.PhiL की डिग्री लेकर इस वर्ष PhD जमा करने के बाद अमेरिका में उन्हें दोबारा से पीएचडी करने का मौका मिला ,जिसमे वो शोध पत्रों के भी कार्य कर रही है , और साथ ही वो पढ़ा भी रही है।

इसे भी अवश्य पढ़े:-कभी सोडा बेचने से शुरू हुए काम को पहुंचा दिया आइसक्रीम के बेहतरीन ब्रांड तक, गुलाम भारत के समय शुरू हुआ ये काम, कैसऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये  samachar buddy के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भूले

Join WhatsApp Channel