बिहार में भी उगाए जा रहे है ये जादू वाले चावल, इस किसान ने की है शुरुआत, बहुत है खास है ये मैजिक धान, बिना ईंधन के ही पक जाते है

बिहार में बहुत से ज्यादातर क्षेत्र आज भी खेती पर ही निर्भर करते है। और धान की खेती तो वहां पर मुख्य तौर से की जाती रही है। लेकिन आजकल एक नए किस्म के धन की चर्चा सामने आ रही है। जो आपको भी चौंका देगा। और उसकी विशेषता ये है कि, ये मैजिक राइस सिर्फ ठन्डे पानी में ही पक जाते है। और वो भी बिना किसी ईंधन के। मतलब बिना चुल्हा पर पकाये भी ये चावल खुद ही बनकर तैयार हो जाते है। जी हाँ ये सच है। चावल की एक किस्म ये भी मानी जा रही है। जो कि बहुत अनोखी है। क्योकि ऐसे चावल मैजिक राइस के बारे में बहुत जी ही कम लोग जानते है। और देश के कई कोनो में इसे उगाने की लहर भी आ गयी है। और बिहार भी इससे अछूता नहीं है। और वहां के किसान भी इसे उगा रहे रहे है। और अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है।

 बिहार के रहने वाले किसान विजय गिरी ने बिहार में भी ये अनोखे मैजिक राइस उगाने की पहल की है।
बिहार के रहने वाले किसान विजय गिरी ने बिहार में भी ये अनोखे मैजिक राइस उगाने की पहल की है।

बिहार के विजय गिरी ने की है मैजिक राइस की शुरुआत

बता दे कि, बिहार के रहने वाले किसान विजय गिरी ने बिहार में भी ये अनोखे मैजिक राइस उगाने की पहल की है। और इससे पहले तक ये चावल की सिर्फ खेती असम के ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर माजुला द्वीप में ही की जाती है। लेकिन बिहार के इस किसान ने अपने क्षेत्र बिहार में भी इसकी खेती की शुरुआत कर दी है। जो कि बहुत अनोखी बात है। और विजय ने अपने गाँव हरपुर सोहसा में से ही इसकी शुरुआत की है।

 कृषि मेले मे से मिली मैजिक राइस उगाने की प्रेरणा
कृषि मेले मे से मिली मैजिक राइस उगाने की प्रेरणा

कहाँ से मिली मैजिक राइस उगाने की प्रेरणा

विजय गिरी ने वैसे तो एक समृद्ध किसान है। और वो किसी न किसी कृषि मेले में जाते रहते है। कृषि मेले में न सिर्फ किसानो को नई और अनोखी फसलों की जानकारी मिलती है। बल्कि कृषि क्षेत्र में नए नए रोज़गार के अवसरों की भी तलाश देते है। और इससे कई किसानो को आय बढ़ाने में मदद मिलती है। और विजय गिरी जी भी पिछले साल पश्चिम बंगाल के एक कृषि मेले मे गए थे। वही पर उन्हें इन मैजिक राइस के बारे में जानकारी मिली थी।

बिना किसी ईंधन के बन जाते है ये मैजिक राइस
बिना किसी ईंधन के बन जाते है ये मैजिक राइस

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बिना किसी ईंधन के बन जाते है ये  राइस

इस मैजिक राइस की सबसे खास बात तो ये है, कि इन चावलों को बनाने के लिए किसी भी तरह के ईंधन की ज़रूरत नहीं पड़ती है। और ये चावल सिर्फ ठन्डे पानी में बनकर तैयार हो जाता है। और इस चावल में ग्लूकोस भी नहीं होता है। इसलिए इसे शुगर पेशेंट्स भी खा सकते है। और ये चावल एक तरह से उन लोगो के लिए अच्छा है, जो गरीबी रेखा से नीचे है। और भुखमरी के शिकार है।

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