आज अधिकारी बन चुके राम प्रकाश कभी चराया करते थे बकरियां, आज संभाल रहे है प्रशासनिक पद, उत्तर प्रदेश के है राम प्रकाश

कहते है कि किस्मत कैसी भी हो पलटती ज़रूर है। और हमेशा किस्मत के पलटते ही व्यक्ति अर्श से फर्श और फर्श से अर्श पर आ जाता है। और यही वजह है कि हमे निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। किस्मत का कोई भरोसा नहीं है ,आज अगर ख़राब है , तो कल अच्छी भी होगी। और भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने भी कहा है कि “हम अपनी किसमत तो नहीं बदल सकते है, लेकिन अपनी आदते बदल सकते है, और हमारी आदते हमारी किस्मत बदल देंगी” उनका ये कथन पूर्ण रूप से सत्य है। बस हमे निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। वक़्त सभी का आता है। और इंसान की किस्मत ज़रूरत बंदलती है। आज कहानी एक ऐसे युवक राम प्रकाश की, जिसने अपनी मेहनत के बल पर लगातर प्रयास से सफलता का परचम लहरा ही दिया। राम प्रकाश बकरियां चराने का काम करते थे। लेकिन उन्होंने अपने पढ़ने की ललक को नहीं छोड़ा। और पढ़ाई करके एक सफल व्यक्ति बन गए है। आज वो एक आईएएस अफसर बन गए है।

 राम प्रकाश का जन्म उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित जमुआ बाजार नामक गांव में हुआ था।
राम प्रकाश का जन्म उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित जमुआ बाजार नामक गांव में हुआ था।

उत्तर प्रदेश के है राम प्रकाश

बता दे कि राम प्रकाश का जन्म उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित जमुआ बाजार नामक गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूलिंग अपने ही गाँव में की। लेकिन आगे की पढ़ाई उन्होंने वाराणसी में स्थित रोहनिया से की थी। जहाँ पर उन्होने इंटर की पढ़ाई खत्म की। वहीं से ही कॉलेज पूरा करके राम प्रकाश ने आईएएस की तैयारी शुरू कर दी थी। और उन्होंने जब पहली बार यूपीएसी का एग्जाम फिया, तो उन्हें सफलता नहीं मिल पायी, लेकिन फिर..

 राम प्रकाश को अपने 6 ठे प्रयास में सफलता मिल ही गयी
राम प्रकाश को अपने 6 ठे प्रयास में सफलता मिल ही गयी

6ठी बार में मिली सफलता

राम प्रकाश ने यूपीएसी परीक्षा में लगातार 5 बार असफलता का मुँह देखा और निरंतर प्रयास आख़िरकार रंग ला ही गया उन्हें अपने 6 ठे प्रयास में सफलता मिल ही गयी। और उनकी मेहनत ने उन्हें सफलता दे ही दी। वो डिगे नहीं ,निराश नहीं हुए ,हार नहीं मानी। और बार बार मेहनत करके जीत हासिल कर ली।

राम प्रकाश बचपन में बकरीयां चराने का काम करते थे
राम प्रकाश बचपन में बकरीयां चराने का काम करते थे

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बचपन में चराते थे बकरियां
राम प्रकाश बचपन में बकरीयां चराने का काम करते थे। वो अक्सर अपने ट्वीट अकाउंट पर अपनी कुछ यादे ताज़ा करते हुए दिख जाते है और कुछ न कुछ मज़ेदार बाते शेयर करते रहते है। कुछ टाइम पहले ही उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से इस बात की जाकारी दी, कि साल 2003 में हम कुछ 4- 5 दोस्त बकरियां चराने जाते थे। जिसके बाद से की उनके कई यूजर ने उन्हें रीट्वीट की किया।

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