इंटरव्यू से दो दिन पहले पिता बीमार पड गए थे, बचपन गाय भेंसो को चराते हुए गुज़रा, एक धारावाहिक ने ऐसी छोड़ी छाप, कि बन गयी आईएएस अधिकारी

कहते है अगर सपने बड़े हो तो, मंज़िल मिल ही जाती है, और होंसले सच्चे और अच्छे हो, यो फिर क्या ही कहने। बस ज़रूरत होती है सही दिशा में मेहनत करने की। और फिर चाहे मंज़िल कितनी ही मुश्किल क्यों न हो, सच्ची मेहनत करके मंज़िल को पाया जा सकता है। और सपने को पूरा करने की जद्दो जहद में इंसान को कई सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। और अक्सर देखा गया है, कि साधनो के आभाव इंसान हिम्मत हार जाता है। और आगे नही बढ़ा नहीं पाता है। लेकिन वहीँ दुनिया में ऐसे भी लोग है, जो इन्ही से स्वयं को मजबूत बनाते है। और दुनिया के सामने एक मिसाल बन जाते है। ऐसी ही एक महिला है C.वनमती जी, जिन्होंने अपना बचपन पशुपालन करते हुए बिताया ,गाय भेंसो को चराना उनके जीवन का हिस्सा था। और चरवाहे के रूप में उन्होंने अपने कुछ जीवन व्यतीत किया ,लेकिन उन्होंने हालातों के सामने घुटने नहीं टेके। और एक आईएएस अफसर बन गयी।

 सी वनमती केरल के एक जिले इरोड के एक छोटे से गाँव की रहने वाली है।
सी वनमती केरल के एक जिले इरोड के एक छोटे से गाँव की रहने वाली है।

केरल से है सी वनमती

बता दे, कि सी वनमती केरल के एक जिले इरोड के एक छोटे से गाँव की रहने वाली है। और उनका जन्म एक बहुत गरीब परिवार में हुआ था। और काफी गरीबी होने के कारण भी उनके घर में काफी मज़बूरी रहती थी। और वे काफी परेशान रहती थी। उनकी सुबह रोज़ पशुओ को चारा देने से होती थी। पढ़ाई के प्रति उनकी लगन शुरू से ही बहुत थी। वो बहुत मेहनती रही है। और अपने घर की सारी जिम्मेदरियो को सम्भालते हुए उन्होंने एक पहचान स्थापित की।

सी वनमती ने 2015 में पास की यूपीएसी परीक्षा
सी वनमती ने 2015 में पास की यूपीएसी परीक्षा

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2015 में पास की यूपीएसी परीक्षा

सी वनमती ने अपने ही गाँव के एक कॉलेज सत्यमंगलम से पनी ग्रेजुएशन पूरी की है। और उन्होंने घर का सारा काम सम्भालते हुए अपनी पढ़ाई खत्म की। हालांकि उनके लिए ये काफी मुश्किल रहा। और सफलता तक पहुंचने का ये सफर आसान नहीं था। उन्होंने यूपीएसी की परीक्षा की तैयारी करते हुए सब कुछ संभाला। और उन्होंने जब पहली बार यूपीएसी की परीक्षा दी थी, तो वो सफल नहीं हुई थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। और दोबारा प्रयास किया। इंटरव्यू से दो दिन पहले वनमती के पिता जी बीमार पड़ गए थे, लेकिन उन्होंने तब भी उनकी देखभाल करते हुए तैयारी और साल 2015 में यूपीएसी का परिणाम जब जारी हुआ तो उनके लिए तो जैसे किस्मत के दरवाज़े खुलने के सामान था ,.ये उनके लिए और उनके गाँव के लिए भी गर्व का क्षण था।

C.वनमती जी, जिन्होंने अपना बचपन पशुपालन करते हुए बिताया
C.वनमती जी, जिन्होंने अपना बचपन पशुपालन करते हुए बिताया

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