यू पी के लाल का कमाल, पहले रेलवे में हुआ चयन, और अब बन गए है सूचना विभाग में वैज्ञानिक, छोटे से गाँव के है प्रभात ओझा

जब होंसलो के पंख बड़े हो तो फिर, उड़ान से क्या डरना। और अगर हमारे पास साधन भी कम है। लेकिन मेहनत करने का पूरा जसबा हो, तब भी सफलता मिलती ज़रूर है। आज हम आपके लिए एक ऐसी कहानी लेकर आए है, जिसमे न सिर्फ आपको जस्बा देखने को मिलेगा, बल्कि मेहनत की भी पूरी महत्वता समझ आएगी। आज एक कहानी ऐसे ही युवा की ,जिनका नाम है प्रभात ओझा। जिन्होंने सूचना एवं प्रद्योगिकी विभाग में वैज्ञानिक के तौर पर सफलता हासिल करके न सिर्फ अपने माता पिता का नाम भी रोशन किया है। बल्कि अपने छोटे से गाँव बाँदा का भी नाम रोशन कर दिया है। और अपने माता पिता का सर भी गर्व से ऊँचा कर दिया है। उन्होंने अपने संघर्षो और मेहनत के दम पर वो मुकाम हासिल किया है ,जिसे पाने के लिए बहुत से युवा हर बार प्रयत्न करता है।

 प्रभात ओझा उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के एक छोटे से गाँव के रहने वाले है।
प्रभात ओझा उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के एक छोटे से गाँव के रहने वाले है।

उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव के है प्रभात

बता दे कि प्रभात ओझा उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के एक छोटे से गाँव के रहने वाले है। और उन्होंने सुचना विभाग द्वारा आयोजित वैज्ञानिक परीक्षा में भाग लिया था। और उसमे उन्होंने पुरे देश भर में 44 वा स्थान प्राप्त किया है। जो कि बहुत गर्व की बात है। और इस परीक्षा को पास करना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है। और उसमे भी अगर पुरे प्रदेश भर में आपका स्थान और रैंक अच्छी हो तो फिर तो क्या ही कहने। प्रभात के माता पिता ने प्रभात की सफलता के लिए बहुत प्रयास किये है ,जिनका फल आज उन्हें बेटे की सफलता के रूप में मिल गया है।

 प्रभात ओझा का चयन राष्ट्रीय सुचना एवं विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक B के तौर पर हुआ है
प्रभात ओझा का चयन राष्ट्रीय सुचना एवं विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक B के तौर पर हुआ है

वैज्ञानिक B के तौर पर हुआ है चयन

इस वैज्ञानिक परीक्षा के परिणाम स्वरुप प्रभात ओझा का चयन राष्ट्रीय सुचना एवं विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक B के तौर पर हुआ है। और जिसमे अब वो भी सूचना विभाग की महत्वपूर्ण खोजो का हिस्सा होंगे। उनके माता पिता के लिए वाकई ये गर्व का क्षण है। और उनके गाँव को भी उन पर पूरा नाज़ है। और उम्मीद है की प्रभात ओझा भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

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प्रभात का चयन भारतीय रेलवे में इंजीनियर के पद पर नियुक्त भी हुए।
प्रभात का चयन भारतीय रेलवे में इंजीनियर के पद पर नियुक्त भी हुए।

भारतीय रेलवे में भी हुआ था  प्रभात ओझा चयन

प्रभात ओझा बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। और उन्होंने स्कूल के समय में कक्षा 10 वी और 12 वी में भी अच्छा स्कोर किया था। जिसके बाद से उनके माता पिता ने उम्मीद की कि, प्रभात अब ओर भी कुछ अच्छा करेंगे। और हुआ भी कुछ ऐसा ही। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद प्रभात ने “गेट” परीक्षा की तैयारी की जिसमे उनका सिलेक्शन भी हुआ। और बाद में वो उच्च शिक्षा के लिए गोहाटी चले गए। और भारतीय रेलवे में इंजीनियर के पद पर नियुक्त भी हुए। लेकिन वो यही नही रुके, बल्कि उन्होंने साल 2020 में वैज्ञानिक की परीक्षा भी दी, जिसमे उन्होंने 44 वा स्थान प्राप्त किया।

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