हिंदुस्तान का एक ऐसा गाँव जहाँ पर गाँव के बच्चो को अपने ही पिता का नाम नहीं पता, कारण जानकर चौंककर हैरान रह जायेंगे आप

ऐसे कई अनोखे गाँव हिंदुस्तान में है। जो किसी न किसी वजह से काफी प्रसिद्ध है। ऐसा ही एक गाँव है मध्य प्रदेश का मनकी गाँव। जो की “मिसिंग फादर्स” के नाम से भी प्रसिद्ध है। क्योकि यहाँ पर जन्मे कई बच्चो को अपने पिता का नाम ही नहीं पता है। जी हाँ सही समझे आप। भारत में एक गाँव ऐसा भी है, जहाँ पर बच्चे अपने पिता को ही नहीं पहचानते है। इसकी वजह बहुत हैरान कर देने वाली है। दरअसल ये गाँव मध्य प्रदेश के पन्ने जिले में स्तिथ है। और इस गाँव को “मिसिंग फादर्स” के नाम से जाना जाता है। क्योकि “मिसिंग फादर्स” के करीब 70 से 80 प्रतिशत लोग गाँव में ही नहीं रहते है। और पैदा हुए बच्चे को अपने जनक की कोई पहचान नहीं है।

"मिसिंग फादर" के नाम से मशहूर ये मनकी गाँव मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्तिथ है है। "मिसिंग फादर" के नाम से मशहूर ये मनकी गाँव मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्तिथ है है।
“मिसिंग फादर” के नाम से मशहूर ये मनकी गाँव मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्तिथ है है।

मध्य प्रदेश का है ये अनोखा गाँव “मिसिंग फादर्स”

“मिसिंग फादर” के नाम से मशहूर ये मनकी गाँव मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्तिथ है है। और करीब 513 लोगो की जनसँख्या ही इसी गाँव में रहती है। और पुरे गाँव में सारे बच्चों को अपने पिता से दूर रहना पड़ता है।और इसका मुख्य कारण है वहां पर कोई भी सुविधा का न होना। क्योकि वहां शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य से लेकर हर तरह की सुविधा का अभाव है। जो कि पलायन का मुख्य कारण है।

मनकी गाँव के लगभग 70 प्रतिशत युवा गाँव से बाहर जाने को मजबूर है
मनकी गाँव के लगभग 70 प्रतिशत युवा गाँव से बाहर जाने को मजबूर है

काम की तलाश में निकलते है “मिसिंग फादर्स” गाँव से बाहर

“मिसिंग फादर्स” गाँव के लगभग 70 प्रतिशत युवा गाँव से बाहर जाने को मजबूर है। और उसका कारण है भुखमरी। क्योकि मनकी गाँव की हालत बहुत ख़राब है। और क्योकि कोई भी सुविधा ठीक न होने के कारण वहां की स्तिथि बहुत खराब है। जिस वजह से वहां पर खाने पीने तक की दिक्क्त है। और जिस कारण गाँव के 70 प्रतिशत से भी ज्यादा युवाओं को गाँव से इलाके से बाहर हरियाणा,राजस्थान, और हिमाचल प्रदेश में नौकरी या मज़दूरी करने जाना पड़ता है।

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मनकी गाँव में महिलाए भी कर रही है पतियों के साथ पलायन
मनकी गाँव में महिलाए भी कर रही है पतियों के साथ पलायन

महिलाए भी कर रही है पतियों के साथ पलायन

“मिसिंग फादर्स” स्तिथि इतनी कमज़ोर है कि, गाँव की महिलाये भी अपने-अपने पतियों के साथ घर से बाहर रहने को मजबूर है।ताकि वो उनका घर के खर्चे में हाथ बंटाए, और कुछ मुश्किलें कम हो सके। लेकिन जब भी उन महिलाओं को गर्भ अवस्था में भी काम करना पढ़ जाता है। और वे महिलाये डिलीवरी करके वापस काम पर लौटने को मजबूर हो जाती है। और बच्चा ऐसे ही पल जाता है। आउटर वह अपने माता पिता की पहचान नहीं कर पाता।

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