कम उम्र में हो गया था ब्याह, पति के निधन के बाद खुद के दम पर पाला था बेटियों को, इस माँ ने बेटियों के साथ दी बोर्ड की परीक्षा, और पास होकर दिखाया

ये जीवन भी कभी कभी कैसी कैसी परीक्षा लेता है न, हमेशा ही कठिन परिस्थतियो से हमे गुज़रता है। और हमेशा से ही एक नया सबक देता है। लेकिन इसी जीवन में समाज से जुड़े कुछ ऐसे लोग भी होते है, जो कि मुश्किलों के आगे हार मान जाते है। लेकिन वही इस दुनिया में ऐसे लोग भी है, जो कि इन सब मुश्किलों से हार नहीं मानते है। और आगे नहीं बढ़ते है। क्योकि वे मुश्किलों से डर जाते है। लेकिन आज हम जिस शख्सियत की कहानी आपके लिए लेकर आये है, वो बहुत ही खास है। क्योकि ये कहानी है एक ऐसे महिला की, जिन्होंने लगभग 53 की उम्र में बोर्ड की परीक्षा को पास कर लिया है। और अपनी बेटियों के साथ बोर्ड परीक्षा दी थी। और उसमे सफलता हासिल करके भी दिखायी है। आज की हमारी कहानी शीला रानी दास जी की है, जिनकी शादी बहुत ही कम उम्र में हो गयी थी। लेकिन कुछ समय के बाद उनके पति का निधन हो गया था। और उन्होंने अकेले ही अपनी दोनों बेटीयो की परवरिश की है।

इन माँ बेटियों की तिगड़ी ने त्रिपुरा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन से बोर्ड की परीक्षा पास की थी।
इन माँ बेटियों की तिगड़ी ने त्रिपुरा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन से बोर्ड की परीक्षा पास की थी।

त्रिपुरा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन से पास की बोर्ड की परीक्षा

बता दे कि, इन माँ बेटियों की तिगड़ी ने त्रिपुरा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन से बोर्ड की परीक्षा पास की थी। शीला जी की बेटियों ने कक्षा 12 की बोर्ड की परीक्षा पास की है। और उन्होंने न सिर्फ बोर्ड परीक्षा में हिस्सा लिया था। बल्कि इसमें सफलता भी हासिल की है। वाकई में ही ये महिला सभी महिलाओ के लिए भी एक प्रेरणा स्थापित की है। और वाकई में ही महिला समाज के लिए एक प्रेरणा स्थापित की है। उन महिलाओ के लिए एक उदाहरण बनी है, जो उम्र के बढ़ते समय के साथ खुद को समाज के लिए एक पहचान नहीं बना पाती है।

बहुत कम उम्र में हो गया था विवाह
बहुत कम उम्र में हो गया था विवाह

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शीला रानी दास बहुत कम उम्र में हो गया था विवाह

बता दे कि, शीला दास रानी का ब्याह बहुत ही कम उम्र में उनके माता पिता ने कर दिया था। और बहुत ही कम उम्र में जवान उम्र में ही उनके पति का निधन भी हो गया था। उनके पति ने दो बेटियों के साथ उन्हें अकेला छोड़ दिया था। और उसके बाद शीला boardजी ने अकेले ही अपनी बेटियों को पाला था। और उन्हें पढाया लिखाया भी। और अपनी बेटियों की मदद से खुद के सपने भी पुरे किये है।

लगभग 53 की उम्र में बोर्ड की परीक्षा को पास कर लिया है। और अपनी बेटियों के साथ बोर्ड परीक्षा दी थी
लगभग 53 की उम्र में बोर्ड की परीक्षा को पास कर लिया है। और अपनी बेटियों के साथ बोर्ड परीक्षा दी थी

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