जब लाइसेंस देने से कर दिया गया इनकार, तो न्यायालय में लगायी थी गुहार दोनों हाथ न होने के बावजूद भी पैरो से चलाती है गाडी मैरियट

दुनिया में कई ऐसे लोग होते है, जो किसी न किसी कमी के कारण हार मानकर बैठ जाते है। और आगे नहीं बढ़ते है। और ज़िंदगी में आगे नहीं बढ़ पाते है। अब वो कमी या तो शारीरिक हो सकती है या फिर मानसिक। लेकिन कुछ लोग दुनिया में ऐसे भी है, जो दोनों हाथ न होने के बावजूद भी खुद को सफल बनाते है। और सफलता हासिल कर लेते है। ऐसे ही कुछ बहादुर लोगो में से है 28 साल की जिलुमल मैरियट थॉमस। जिनके दोनों हाथ नहीं है। और वो अपनी इस कमी के बावजूद भी ड्राइवर बन चुकी है। वैसे हर कोई जनता है कि ड्राइविंग के लिए दोनों हाथो का होना बहुत ज़रूरी है। क्योकि ड्राइविंग व्हील्स के द्वारा ही ड्राइविंग संभव है। लेकिन 28 साल की जिलुमल मैरियट थॉमस ये ड्राइविंग का काम भी अपने दोनों पैरो से करती है। वो भी बिना किसी के सहारे के। और वो इसी बलबूते पर ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने वाली पहली महिला बन गयी है।

मैरियट ने एर्नाकुलम यंग वुमन क्रिश्चियन एसोसिएशन ज्वाइन करके ड्राइविंग सीखी थी
मैरियट ने एर्नाकुलम यंग वुमन क्रिश्चियन एसोसिएशन ज्वाइन करके ड्राइविंग सीखी थी

RTO कार्यालय ने कर दिया था मना लाइसेंस के लिए

बता दे कि जब जिलुमल मैरियट थॉमस RTO के दफ्तर पहुंची थी, तो उन्होंने लइसेंस के लिए अप्लाई किया था। लेकिन RTO ने हाथ न होने के कारण मैरियट थॉमस को मना कर दिया था। लेकिन उस वक़्त मैरियट ने हार नहीं मानी। और कोशिश करती रही।

मैरियट केरला की रहने वाली है। और उन्हें थैलिडोमाइड सिंड्रोम नाम की बीमारी है।
मैरियट केरला की रहने वाली है। और उन्हें थैलिडोमाइड सिंड्रोम नाम की बीमारी है।

थैलिडोमाइड सिंड्रोम से पीड़ित है जिलुमल मैरियट थॉमस

बता दे कि मैरियट केरला की रहने वाली है। और उन्हें थैलिडोमाइड सिंड्रोम नाम की बीमारी है। जिसमे हाथ ठीक से विकसित नहीं हो पाते है। मैरियट वैसे पेशे से एक वेबसाइट डिज़ाइनर भी है। और वो पैरो की मदद से ही कंप्यूटर भी चलाती है। और अपना काम करती है। उनके पिता किसान है, खेती बाड़ी का काम करते है। मैरियट को बचपन से ही कार चलाने का शौक था। और इसलिए उन्होंने एर्नाकुलम यंग वुमन क्रिश्चियन एसोसिएशन ज्वाइन करके ड्राइविंग सीखी थी। और वो पहली ऐसी महिला है ,जो पैरो से ड्राइविंग करती है। और लाइसेंस भी है।

मैरियट को RTO ने लाइसेंस के लिए मना कर दिया था। तो उन्होंने RTO के इस फैसले के खिलाफ हाई कोट में अर्ज़ी डाल दी थी।
मैरियट को RTO ने लाइसेंस के लिए मना कर दिया था। तो उन्होंने RTO के इस फैसले के खिलाफ हाई कोट में अर्ज़ी डाल दी थी।

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जिलुमल मैरियट थॉमस RTO के खिलाफ गयी न्यायालय

बता दे कि जब जिलुमल मैरियट थॉमस को RTO ने लाइसेंस के लिए मना कर दिया था। तो उन्होंने RTO के इस फैसले के खिलाफ हाई कोट में अर्ज़ी डाल दी थी। और उन्होंने विक्रम अग्निहोत्री और ऑस्ट्रेलियन महिला ड्रावर जैसे उदाहरण पेश किये। जिसके बाद मैरियट के हक़ में फैसला हुआ। और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिल गया।

रियट वैसे पेशे से एक वेबसाइट डिज़ाइनर भी है। और वो पैरो की मदद से ही कंप्यूटर भी चलाती है।
रियट वैसे पेशे से एक वेबसाइट डिज़ाइनर भी है। और वो पैरो की मदद से ही कंप्यूटर भी चलाती है।

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