अक्षय कुमार आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। मुंबई ही नहीं और भी कई जगह उनकी प्रॉपर्टीज हैं। लेकिन क्या आप उनकी जिंदगी के उन अनछुए पहलुओं के बारे में जानते हैं, जिनमें संघर्ष के अलावा और कुछ नहीं था। आज भले ही वह इंडस्ट्री के बिजी और बड़े एक्टर्स में से एक हैं।51 साल के हो गए हैं। 9 सितंबर 1967 को अमृतसर पंजाब में जन्मे राजीव हरिओम भाटिया यानी अक्षय कुमार आज बॉलीवुड के सुपरस्टार हैं। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हे खूब पापड़ बेलने पड़े। – हर आम बच्चे की तरह पढ़ाई पूरी कर नौकरी करने का ख्वाब देखते थे। हालांकि, वे डांसर शुरुआत से ही अच्छे थे। लेकिन कभी एक्टिंग के बारे में सीरियसली नहीं सोचा था। कॉलेज के दिनों में उन्होंने अपनी लाइफ में एक टर्न लिया और मार्शल आर्ट में करियर बनाने के लिए बैंकाक चले गए। यहां उन्होंने बतौर वेटर काम किया और शेफ बनने की ट्रेनिंग भी ली।
इंडिया लौटने के बाद कभी वेटर तो कभी किया चपरासी का काम
ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हासिल कर अक्षय इंडिया लौटे। उन्होंने यहां मार्शल आर्ट सिखाना शुरू किया। लेकिन आगे की डगर उनके लिए आसान नहीं थी। हमारे देश में उस वक्त मार्शल आर्ट सिखाकर ज्यादा कमाई नहीं की जा सकती थी। इसलिए अक्षय ने अपने लिए जॉब तलाशनी शुरू की। रिपोर्ट्स की मानें तो कलकत्ता में उन्हें सबसे पहली नौकरी एक चपरासी के रूप में मिली। इसके बाद वे सेल्समैन बनकर ढाका चले गए। इसके बाद दिल्ली में ज्वैलरी ट्रेडर के रूप में काम किया और फिर कुछ सालों बाद मुंबई में मार्शल आर्ट टीचर के रूप में काम करने लगे।
अक्षय की किस्मत में शायद कुछ और ही लिखा था। मार्शल आर्ट सीखने आए स्टूडेंट्स उन्हें मॉडलिंग में जाने की सलाह देने लगे। लेकिन इसके लिए दमदार पोर्टफोलियो की जरूरत थी। कम ही लोगों को पता होगा कि अपना पोर्टफोलियो तैयार कराने के लिए अक्षय ने फोटोग्राफर जयेश सेठ के साथ बतौर असिस्टेंट 18 महीने तक फ्री में काम किया था।एक बार अक्षय मॉडलिंग असाइंमेंट के लिए बैंगलोर जा रहे थे। लेकिन किस्मत से उनकी फ्लाइट छूट गई। इससे अक्षय बेहद निराश हुए। वे अपना पोर्टफोलियो लेकर फिल्म स्टूडियोज का राउंड लगाने निकल पड़े। हालांकि, तीसरी फिल्म ‘खिलाड़ी’ (1992) ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इस फिल्म को अब्बास मस्तान ने डायरेक्ट किया था। लेकिन फिर दो साल तक अक्षय को फ्लॉप और एवरेज फिल्मों का सामना करना पड़ा।
अक्षय कुमार के सुपरस्टार बनने की कहानी
– 1994 में आई ‘मोहरा’ अक्षय कुमार के करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई। खासकर इसके गाने ‘तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त’ से अक्षय को खूब पॉपुलैरिटी मिली। खुद अक्षय ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मेरे जीवन में तीन चीजों ने खास भूमिका निभाई है।
‘खिलाड़ी’ फिल्म. ‘तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त’ सॉन्ग और ‘चुरा के दिल मेरा’ सॉन्ग, इन तीन चीजों ने मेरे करियर को संवारा है। ‘तू चीह बड़ी है मस्त-मस्त’ ने मेरे करियर को टर्निंग पॉइंट दिया था।” । हां इस बीच 1997 में ‘दिल तो पागल है’ में किया गया उनका कैमियो जरूर यादगार रहा।ब्लॉकबस्टर फिल्में बॉक्सऑफिस पर दी हैं।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड Samchar buddy जुड़े रहे हैं।