देवभूमि उत्तराखंड की बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। हर फील्ड में बेटियां अपने प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। एक समय था जब बेटियां घर परिवार को संभालने की जिम्मेदारी होती थी लेकिन आज वही बेटियां देश सेवा कर भारत मां का मस्तक ऊँचा कर रही हैं। अब पौड़ी गढ़वाल की एक बेटी सोनाली बिष्ट ने वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर ना केवल अपने परिवार बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है।सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली सोनाली का परिवार उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा है। सोनाली के पिता हसवंत सिंह बिष्ट भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं। वहीं उनके दादा भोपाल सिंह बिष्ट, नाना मोहन सिंह नेगी (सूबेदार) भी सेना में रहकर मां भारती की सेवा कर चुके हैं। इतना ही नहीं सोनाली के बड़े भाई शुभम बिष्ट भी भारतीय सेना कार्यरत हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती बतौर कैप्टन राजस्थान के अलवर जिले में है।
उत्तराखंड की सोनाली बिष्ट बनी भारतीय वायुसेना में
राज्य की होनहार बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। खासतौर पर राज्य की बेटियां अब सैन्य क्षेत्रों में भी बढ़चढकर भागीदारी कर रही है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जो भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग अफसर बन गई है।
जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के रणस्वा गांव निवासी सोनाली बिष्ट की, जो बीते 21 जनवरी 2023 को वायुसेना में कमीशन प्राप्त कर फ्लाइंग अफसर बन गई है। सोनाली की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
सोनाली बिष्ट बनी भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के रणस्वा गांव निवासी सोनाली बिष्ट, भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग अफसर बन गई है। बता दें कि वर्तमान में सोनाली का परिवार जिले के ही कोटद्वार क्षेत्र के कोटडीढ़ाग के वार्ड नंबर 3 में रहता है।
एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली सोनाली के पिता हसवंत सिंह बिष्ट भारतीय सेना से सेवानिवृत्त है वहीं उनके दादा भोपाल सिंह बिष्ट, नाना सूबेदार मोहन सिंह नेगी भी सेना में रहकर मां भारती की सेवा कर चुके हैं।
तीन पीढ़ियों से देश सेवा कर रहा परिवार
इतना ही नहीं सोनाली के बड़े भाई शुभम बिष्ट भी भारतीय सेना कार्यरत हैं तथा वर्तमान में उनकी तैनाती बतौर कैप्टेन अलवर राजस्थान में है। बताते चलें कि अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरूजनों को देने वाली सोनाली ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा कोटडीढांग के ज्ञानोदय विद्यालय से जबकि इंटरमीडिएट की पढ़ाई डीएवी कॉलेज से की है।
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